मकर संक्रांति से VHP हिंदू समाज में जातीय विभाजन पाटने को चलाएगा देशव्यापी अभियान

Shubham Bajpai, Last updated: Fri, 14th Jan 2022, 10:05 AM IST
हिंदू समाज में जातीय विभाजन को खत्म करने को विश्व हिंदू परिषद मकर संक्रांति से 10 दिवसीय राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू करने जा रहा है. इस अभियान के जरिए विहिप जातिगत असमानता को कम करने और सभी हिंदू एक हैं के अभियान के तहत कई कार्यक्रमों का आयोजन करने जा रहा है.
मकर संक्रांति से VHP हिंदू समाज में जातीय विभाजन पाटने को चलाएगा अभियान (फाइल फोटो)

नयी दिल्ली (भाषा).यूपी चुनाव 2022 से पहले भाजपा में जाति और वर्ग को मुद्दा बनाकर नेताओं के इस्तीफे के बाद इसके डैमेज कंट्रोल के लिए विश्व हिंदू परिषद मैदान में आ गई है. विश्व हिंदू परिषद 14 जनवरी को मकर संक्रांति से समरसता अभियान के तहत सहभोज समेत कई कार्यक्रमों के माध्यम से हिंदू समाज में जातीय विभाजन को पाटने के लिए 20 दिवसीय देशव्यापी अभियान शुरू करने जा री है. जिसमें लोगों को संदेश देना का प्रयास किया जाएगा कि सभी हिंदू एक हैं.

विहिप 23 जनवरी तक चलने वाले अपने समरसता अभियान के दौरान ‘सह भोज’ समेत विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करेगी. सह भोज के तहत ऊंची और निचली जाति के लोग एक साथ भोजन करेंगे. संगठन विभिन्न जातियों के लोगों तक पहुंचने के लिए एक जनसंपर्क कार्यक्रम भी शुरू करेगा.

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इस दौरान लोगों को सभी हिंदू एक हैं का संदेश दिया जाएगा. अभियान की शुरूआत से पहले विहिप के राष्ट्रीय सचिव और अखिल भारतीय समरसता प्रमुख देवजी रावत ने उत्तर प्रदेश में भगवा संगठन और इसके विभिन्न शाखाओं के पदाधिकारियों के साथ बैठक की.

उन्होंने कानपुर जिले के शारदा नगर में आयोजित सह भोज में भी भाग लिया. अभियान की अगुवाई कर रहे रावत ने कहा कि देशभर में विहिप और बजरंग दल सहित इसकी अन्य शाखा के कार्यकर्ताओं द्वारा 'समरसता अभियान' चलाया जाएगा ताकि यह संदेश लोगों तक पहुंचाया जा सके कि सभी हिंदू एक हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे किस जाति के हैं.

विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि हम मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर 14 जनवरी से पूरे देश में 10 दिवसीय समरसता अभियान (सामाजिक भाईचारे के लिए अभियान) शुरू करने जा रहे हैं. बंसल ने कहा कि अभियान का उद्देश्य जाति-विभाजन को पाटना, असमानता को समाप्त करना और हिंदू समाज को मजबूत करना है.

विहिप ने यह कदम उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों से पहले उठाया है. उप्र में दो प्रमुख ओबीसी नेताओं -स्वामी प्रसाद मौर्य और दारा सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नीत सरकार से इस्तीफा दे दिया है, जबकि भाजपा के तीन अन्य विधायकों ने भी पार्टी छोड़ दी है.

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