कानपुर और वाराणसी सहित गंगा के किनारे बसे जिलों में प्याज की खेती को बढ़ावा देगी योगी सरकार

कानपुर. उत्तर प्रदेश में कानपुर और वाराणसी सहित गंगा के किनारे बसे जिलों में योगी सरकार प्याज की खेती को बढ़ावा देगी. इसके लिए उद्यान विभाग ने तैयारी भी कर ली की है. इसके तहत गंगा के किनारे के कानपुर, वाराणसी, फतेहपुर, कौशाम्बी, मिर्जापुर, फर्रुखाबाद, कन्नौज, गाजीपुर, जौनपुर और बुन्देलखंड के जिलों में प्याज की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा. गौरतलब है कि जिलों में करीब दो हजार हेक्टेयर प्याज का उत्पादन बढ़ाने के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है. अभी तक गंगा के किनारे के इन जिलों में 4 हजार हेक्टेयर रकबे में करीब 80 हजार मीट्रिक टन प्याज का उत्पादन होता है.
आपको बता दें कि किसानों को प्याज की खेती के लिए उद्यान विभाग की ओर से 12 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर का अनुदान दिया जाता है, जिसमें बीज की कीमत भी शामिल है. राज्य के उद्यान विभाग ने खरीफ की फसलों में धान की फसल के अलावा ऊंचाई वाले खेतों में जहां पानी का जमाव नहीं होता है या कम होता है, वहां लोगों को प्याज की फसल के लिए प्रोत्साहित करने की योजना बनाई है.
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प्रदेश के उद्यान निदेशक आर .के. तोमर ने बताया कि इस बार प्याज के रकबे को बढ़ाने की तैयारी में है. पिछले तीन-चार साल से सितम्बर, अक्टूबर और नवम्बर में प्याज का भाव 40 से 50 रुपये किलो या इससे अधिक होता रहा है. अगर प्रदेश के किसान प्याज की खेती खरीफ की फसल में करते हैं तो उनकी आमदनी में तो इजाफा होगा ही, साथ प्रदेश की अपनी घरेलू जरूरत भी पूरी हो जाएगी. दूसरे राज्यों से प्याज बड़ी मात्रा में मंगवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
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