Chhath Puja 2021: छठ पर महिलाएं क्यों लगाती हैं नाक से मांग तक पीला सिंदूर जानें रोचक तथ्य

Pallawi Kumari, Last updated: Sun, 31st Oct 2021, 4:45 PM IST
  • हिंदू धर्म में सिंदूर सुहाग की निशानी मानी जाती है. इसलिए शादी के बाद कह विवाहित स्त्री को सिंदूर लगाने के लिए कहा जाता है. सिंदूर को महिलाओं का अहम श्रृंगार माना जाता है. लेकिन छठ पूजा के दौरान महिलाएं नाक से लेकर मांग तक पीला सिंदूर लगाती है. 
छठ पर नाक से मांग तक लंबा सिंदूर लगाने के पीछे की मान्यता के बारे में जानिए.

लाल रंग सुहागिन स्त्री की निशानी होती है. सिंदूर लगाने का चलन पौराणिक समय से चला आ रहा है. मान्यता है कि सिंदूर लगाने से पति पत्नी के वैवाहिक जीवन के संबंध में मधुरता आती है. वहीं एक मान्यता यह भी है कि स्त्री जितनी लंबी मांग भरती बै पति की उम्र उतनी लंबी होती है. वैसे आमतौर पर महिलाएं लाल रंग का सिंदूर लगाती हैं. लेकिन छठ पूजा के समय पीले रंग का सिंदूर लगाते हुए देखा जाता है. वो भी नाक से लेकर मांग तक लंबा सिंदूर. आइये जानते हैं छठ पूजा में लगाए जाने वाले लंबे और पीले सिंदूर का महत्व.

छठ पूजा में सिंदूर लगाने की मान्यता- छठ पूजा में पीले रंग का गाढा सिंदूर लगाने के पीछे खास महत्व है. मान्यता है कि नाक से लेकर मांग तक सिंदूर लगाने से पति की उम्र बढ़ती है और उसे जीवन में खूब तरक्की हासिल होती है. इसलिए छठ पूजा में मांग में पीला सिंदूर जरूर लगाएं और कोशिश करें सिंदूर गाढ़ा हो. सिंदूर को नाक से लगाते हुए मांग तक भरें.

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छठ पूजा को महाव्रत और महापर्व कहा जाता है. चार दिनों कर चलने वाला छठ व्रत अन्य कई व्रतों में सबसे कठिन माना जाता है. छठ पूजा व्रती अपने बच्चों, परिवार और सुहाग के लिए करती है. 36 घंटों तक कठोर निर्जला व्रत रखने के बाद छठ पूजा का व्रत संपन्न होता है. इस बार छठ पूजा की शुरुआत 8 नवंबर से हो रही है.

8 नवंबर को नहाय खाय के साथ छठ महापर्व की शुरुआत हो रही है. इसके अगले दिन 9 नवंबर को खरना किया जाएगा. 10 नवंबर को सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जाएगा और 11 नवंबर को सूर्य देव को उषा अर्घ्य देने के बाद व्रती पारण कर अपना व्रत खोलेगी.

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