Ganesh Jayanti 2022: गणेश जयंती पर बन रहे दो खास योग, जानें पूजा मुहर्त, कथा और विधि
- आज शुक्रवार 4 फरवरी को गणेश जंयती का त्योहार भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाएगा. इस बार गणेश जयंती पर दो खास योग बन रहे हैं, जो काफी शुभ माना जा रहा है. आइये जानते हैं आज क्या है गणेश पूजा का समय, विधि, व्रत कथा और इसका धार्मिक महत्व.

माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन गणेश जयंती का त्योहार मनाया जाता है. इसे माघ चतुर्थी, माघ विनायक चतुर्थी, वरद चतुर्थी और तिलकंड चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. कहा जाता है इसी दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था. इसलिए हर साल दिन को भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. इस साल गणेश जयंती का पर्व आज शुक्रवार 4 फरवरी को है. आज भगवान गणेश की विधिवत पूजन व व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन से संकट दूर हो जाते हैं.
गणेश जयंती पर दो शुभ योग- इस बार गणेश जंयती का पर्व बेहद खास है. क्योंकि आज दो शुभ योग में भगवान गणेश की पूजा की जाएगी. ज्योतिष के अनुसार, 4 फरवरी सुबह 07 बजकर 08 मिनट से दोपहर 03 बजकर 58 मिनट तक रवि योग रहेगा. इसके बाद शाम 07 बजकर 10 मिनट पर शिव योग रहेगा. गणेश जयंती में शिव योग का बनना धार्मिक मान्यता में खास बताया जा रहा है. इस योग में पूजा करने से कई गुणा फल मिलता है.
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गणेश जयंती पूजा मुहूर्त-
चतुर्थी तिथि प्रारंभ- 04 फरवरी, शुक्रवार सुबह 04 बजकर 38 मिनट
चतुर्थी तिथि समाप्त- 05 फरवरी, शनिवार सुबह 03 बजकर 47 मिनट
पूजा का शुभ मुहूर्त- 04 फरवरी, शुक्रवार सुबह 11 बजकर 30 मिनट से दोपहर 01 बजकर 41 मिनट तक
पूजा के लिए कुल अवधि- 02 घंटा 11 मिनट
गणेश जयंती पूजा विधि-
आज सुबह उठकर स्नान के बाद भगवान गणेश का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें. फिर दोपहर में पूजा के शुभ मुहूर्त पर पूजा शुरू करते हुए सबसे पहले गणपति की मूर्ति या फिर फोटो को किसी लाल कपड़े के ऊपर रखें. इसमें गंगाजल छिड़के और उसके बाद भगवान गणेश की पूजा शुरू करें भगवान गणेश को फूल, सिंदूर, जनेऊ और दूर्वा (घास) की 21 गांठें चढ़ाए. फिर प्रसाद के रूप में मोदक लड्डू चढ़ाएं और मंत्रोच्चारण के साथ पूजा करें. गणेश जी की कथा पढ़ें या सुनें और अंत में आरती करें. पूजा के बाद सभी में प्रसाद बांटें.
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