जश्न-ए- चिरागां में रौशन हुए घर, पैगंबरे इस्लाम की आमद पर हुई इबादत

Smart News Team, Last updated: Fri, 30th Oct 2020, 9:08 AM IST
  • कानपुर में इस्लाम के आखिरी पैगंबर मोहम्मद साहब की यौम-ए-पैदाइश के मौके पर लोगों ने अपने घरों में रह कर ही इबादत की. कोरोना संक्रमण के चलते किसी तरह के सार्वजनिक आयोजन नहीं किया गया.
मोहम्मद साहब की यौम-ए-पैदाइश के मौके पर कानपुर में की गई रौशनी

कानपुर: शहर में शुक्रवार को पैगंबरे इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब की यौम-ए-विलादत (जन्मदिन) की पूर्व संध्या पर जश्न-ए-चिरागां किया गया. गुरुवार की रात इसीलिए खास थी. कोविड 19 के चलते ऐसी कोई सजावट नहीं की गई जिससे भीड़ एकत्रित हो. लेकिन लोगों ने अपने घरों को रोशन कर कमी पूरी कर दी. फेथफुलगंज में एक गेट भी सजाया गया.

जानकारी के मुताबिक  इस बार कहीं गेट नहीं बनाए गए थे और न ही सार्वजनिक रूप से कोई सजावट की गई थी. लेकिन रास्तों और घरों में झालरों, कुमकुमों और एलईडी से खूबसूरत रोशनी कर इबादत करते हुए सादगी से जश्न-ए-चिरागां रात भर चलता रहा. शहरवासियों ने बाबूपुरवा, बेगमपुरवा, मुंशीपुरवा, जूही जैसे इलाकों में लोगों ने गली-कूचों को झालरों से सजा दिया. खासतौर से घरों के बाहर रंग-बिरंगी झालरें लगाईं.

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इसी तरह शहर की नई सड़क के मुख्य मार्ग पर कुछ दूरी तक और परेड के क्षेत्र में रोशनी की गई. तलाकमहल का मुख्य मार्ग, फहीमाबाद और सुजातगंज की गलियां, चमनगंज, सईदाबाद और कर्नलगंज के संकरे रास्तों पर रोशनी की गई. रावतपुर और जाजमऊ में भी कशिश भरे नजारे देखने को मिले. जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी के नेतृत्व में उर्सला, हैलट समेत अन्य अस्पतालों में मरीजों के बीच फल वितरण किया गया. बाबूपुरवा में अकील अहमद शानू ने घर-घर जाकर फल व मिठाई बाटी. अंजुमन जिया-ए-नबी ने ब्लड और आई कैंप लगाया.

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इस मौके पर सुतरखाना में इस्लामिया अहले सुन्नत कमेटी ने भंडारा किया. बता दें कि  यहां सुबह से शुरू हुआ लंगर शाम तक चलता रहा. हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल इस कमेटी के अध्यक्ष सुशील यादव ने कहा कि इस बार गेट की सजावट न करके लंगर का आयोजन किया गया. इस लंगर से हजारों लोगों को राहत पहुंची. यहां महामंत्री इश्तियाक अहमद, मोहम्मद असलम खां, गुलफाम अहमद, श्रेष्ठ गुप्ता और मोहम्मद इदरीस आदि शामिल थे.

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