कानपुर में उफान पर गंगा, रानी घाट से लेकर बिठूर तक बाढ़ ने दी दस्तक

Smart News Team, Last updated: Sun, 23rd Aug 2020, 9:52 PM IST
  • कानपुर में रानी घाट के किनारे लगभग एक हजार लोग गंगा कटान की चपेट में आ गए हैं. पानी तेज बढ़ने से परिवारों के सामने संकट खड़ा हो चुका है. दूसरी ओर बिठूर से सटे कटरी के गांवों में बाढ़ ने दस्तक दे दी है. किसानों की कई बीघा फसल जमीन समेत गंगा में समा चुकी है.
कानपूर रानी घाट

कानपुर शहर में गंगा नदी के उफान पर आने की वजह से रानी घाट से लेकर बिठूर तक बाढ़ का ख़तरा बन गया है. इस बार गंगा की तेज धारा से कटान बहुत तेजी से हो रहा है. कुछ घरों से तो गंगा की दूरी सिर्फ आधा मीटर ही बची है. ऐसे लोग दिन के साथ रात में जागते हुए काटने को मजबूर है. रानी घाट के किनारे लगभग 200 मकानों की डूबने का ख़तरा बन गया है. इनमे रहने वाले हज़ारों लोगों को 2018 में भी दूसरी जगह कैंप में जाना पड़ा था.

दरअसल, नरौरा से लगातार डिस्चार्ज बढ़ने के कारण कानपुर बैराज से भी ज्यादा पानी छोड़ा जा रहा है. इसी वजह से स्थिति खराब हो रही है. दूसरी ओर रविवार को ख्योरा कटरी के दुर्गापुरवा के पास गंगा की कटान से चार बीघा जमीन कट कर पानी में समा गई.

ग्राम प्रधान अशोक ने बताया कि बगीचों में पानी भरने से किसान गंगा किनारे नहीं जा रहे हैं. गंगा का पानी भगवानदीनपुरवा, भोपालपुरवा व चंदीपुरवा के काफी नजदीक आ गया है. बगीचों से होते हुए गांव की तरफ बढ़ रहा है. बिठूर के रमेल, पपरिया, ईश्वरीगंज, प्रतापपुर हरि व शिवदिनपुरवा समेत एक दर्जन गांवों में बाढ़ का संकट मंडराने लगा है. तहसील की टीमों ने गांवों में पहुंच कर लोगों को सतर्क रहने को कहा है. कटरी के गांवों में रहने वालों ने मंधना-गंगा बैराज मार्ग पर डेरा डालने की तैयारी अभी से शुरू कर दी है. तमाम लोग अपनी-अपनी जगह चिह्नित कर बांस-बल्ली भी लगा रहे हैं. वहीं बनियापुरवा में बाढ़ चौकी स्थापित करने की तैयारी शुरू हो गई है. लेखपाल कैलाश नाथ ने बताया कि जिनके खेत कटान में कटे हैं उनकी सूची तैयार हो रही है.

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