कानपुर: हथियार लाइसेंस को लेकर हुआ बड़ा खुलासा, गलत तरीके से जारी हुए लाइसेंस

Smart News Team, Last updated: Fri, 6th Aug 2021, 12:05 PM IST
  • जिले में हथियार लाइसेंस को लेकर बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. यहां पर 20 हजार फाइलों की जांच में पता चला है कि उनमें से 5 हजार लाइसेंस गलत तरीके से जारी किए गए हैं. दरअसल, बिकरू कांड के बाद शासन ने आदेश दिया था कि हर शस्त्र लाइसेंस का भौतिक सत्यापन करवाया जाए.
20 हजार फाइलों की जांच में पता चला है कि उनमें से 5 हजार लाइसेंस गलत तरीके से जारी किए गए हैं

कानपुर. जिले में हथियार लाइसेंस को लेकर बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. यहां पर 20 हजार फाइलों की जांच में पता चला है कि उनमें से 5 हजार लाइसेंस गलत तरीके से जारी किए गए हैं. दरअसल, बिकरू कांड के बाद शासन ने आदेश दिया था कि हर शस्त्र लाइसेंस का भौतिक सत्यापन करवाया जाए. इस प्रक्रिया के तहत हर फाइल की जांच के बाद इसकी कंप्यूटर में एंट्री होनी है. इससे पता चलता कि किन लाइसेंसियों को यूआईएन जारी नहीं हुए हैं. इसके बाद पुलिस लाइंस में पुलिस-प्रशासन की संयुक्त टीम को थानावार हर लाइसेंस का भौतिक सत्यापन करना था. कानपुर में इस प्रक्रिया में शुरुआती 20 हजार फाइलों की जांच में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी मिली.

इन 5 हजार फाइलों में माना जा रही है कि कहीं संस्तुति ठीक से नहीं हुई है तो कहीं साफ नहीं है कि फाइल में किस अधिकारी के हस्ताक्षर हैं. दस्तखत में अधिकारी की मुहर तक नहीं लगी है. कुछ फाइलों में एडीएम ने हथियार लाइसेंस जारी कर दिए, लेकिन लाइसेंस जारी करने के अधिकार मिलने की चिट्ठी नहीं है. भारी गड़बड़ी के मद्देनजर जिला प्रशासन ने शासन को चिट्ठी भेज दूसरी एजेंसी से जांच करवाने की सिफारिश भेजी है.

इस मामले में एडीएम अतुल कुमार के अनुसार, करीब 5 हजार फाइलें ऐसी मिली हैं, जिसमें लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है. काफी फाइलों में लाइसेंस जारी करने की संस्तुति ठीक से नहीं लिखी गई है. यह भी नहीं पता चल रहा है कि संस्तुति है या असंस्तुति. दूसरी बड़ी गड़बड़ी हस्ताक्षरों की है. यह जानना मुश्किल है कि किस अधिकारी ने साइन किए, क्योंकि अधिकारी के नाम और पदनाम वाली मुहर नहीं लगी है. इनमें काफी फाइलें ऐसी भी सामने आई हैं, जिसमें एडीएम ने लाइसेंस जारी कर दिया. नियमों के तहत एडीएम ऐसा नहीं कर सकते.

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