कोरोना का डर नहीं, सड़क पर कचौड़ी और दाल बाटी के जायके में मशगूल कानपुर के चटोरे
- कानपुर में लोगों के मन से कोरोना का डर खत्म होने लगा है और वहां चटपटा खाना अपनी जगह वापस बना रहा है. सड़क किनारे आम दिनों की तरह लोग चाट खाने लगे हैं.
कानपुर. कोरोना काल में समय जैसे-जैसे बीत रहा है लोगों का डर भी कम होने लगा है. हालांकि, कोरोना की हालात पहले से अब ज्यादा खतरनाक है लेकिन कानपुर के चटोरों को कौन ये बात समझाएं. जी हां, सही पढ़ा आपने कानपुर के चटोरे यानी वे लोग जो कोरोना में बिना जान की परवाह किए, बिना कोई नियमों का पालन किए, सड़कों पर अलग-अलग व्यंजनों का स्वाद ले रहे हैं.
कानपुर में एबी विद्यालय के बाहर खस्ता बेचने से शुरू करने वाले मोहन की अब कई जगहों पर खस्ता की दुकाने हैं. मालरोड स्थित दुकान पर मिले संतोष ने बताया कि 15-20 दिनों से लोग आने लगे हैं. जून से दुकान खुली है लेकिन इससे पहले लोग नहीं आते थे.
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मोहन खस्ता की एक दुकान बिरहानारोड पर भी है, वहां भी लोग खस्ते का मजा लेते हुए दिखने शुरू हो गए हैं.
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एक ग्राहक ने बताया कि आम-दिनों में हर दिन खस्ता खाया करता था लेकिन इतने समय बाद जब सागर मार्केट आया तो खस्ता देख अपने मन को नहीं रोक पाया.
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