कानपुर: इस दीपावली स्वदेशी इलेक्ट्रानिक झालरों से होंगे घर रोशन, चीन को बड़ा झटका
- इस दीपावली के दौरान त्योहार से पहले ही थोक बाजार में इलेक्ट्रानिक झालरों की बिक्री तेज हो जाती है लेकिन अब स्वदेसी झालर से रोशन करने के लिए काम हुआ शुरू.
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कानपुर। उत्तर प्रदेश के जनपद कानपुर से इस दीपावली चीन को एक बड़ा झटका और मिलने वाला है. कानपुर से चीन के व्यापार पर बहुत बड़ा फर्क पड़ेगा. चाइनिज इलेक्ट्रानिक झालरों के बहिष्कार की उठने वाली आवाज अब मूर्त रूप ले रही है. दीपावली पर घरों को स्वदेसी झालर से रोशन करने के लिए काम शुरू हो गया है. त्योहार पर करीब 100 करोड़ के इस बाजार में अकेले झालर का कारोबार 70 से 75 करोड़ का होता है. अब इलेक्ट्रानिक बाजार में घरों में झालर बनाकर चीन को चुनौती दी जा रही है. मनीराम बगिया के अलावा गोविंद नगर, बर्रा में स्वदेशी झालरें बनाई जा रही हैं.
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दरसअल कभी कानपुर बिजली की झालर बनाने के हब के रूप में पहचाना जाता था. पिछले पंद्रह साल में चीन ने इस बाजार पर कब्जा कर लिया है.मनीराम बगिया में दो दर्जन दुकानदार बल्ब, तार, मास्टर बल्ब, सर्किट देकर झालरें बनवा रहे हैं. 10 मीटर झालर की बनवाई 20 रुपये पड़ रही है. यह झालर थोक बाजार में 55 रुपये में बिकती है. ये झालर हाथ से बनती हैं.कारीगर रोज इन्हें दुकान पर पहुंचाकर नया माल लेकर जाते हैं.
गोविंद नगर में भी कई परिवार इसमें जुटे हैं यहां बलबीर सिंह यूं तो कूलर का कार्य करते हैं लेकिन चीन के विरोध को देखते हुए उन्होंने पिछले वर्ष खुद झालर बनाने का काम शुरू किया है. उनके साथ परिवार भी जुड़ गया उनके मुताबिक चीनी झालर फिनिशिंग में चाहे अच्छी लगती हों लेकिन मजबूती देसी झालर में ही है.
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