सिगरेट न पीने वाली महिलाओं में भी फेफड़ों की बीमारी, पति बन रहे हैं वजह

Ruchi Sharma, Last updated: Wed, 23rd Feb 2022, 9:01 AM IST
  • कानपुर स्थित जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में अध्ययन में पता चला है कि फेफड़ों की बीमारी क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज ग्रस्त महिलाओं में से 55 फ़ीसदी को यह बीमारी उनके पतियों की सिगरेट पीने की आदत की वजह से हुई. इनमें से ज्यादातर में मोटापा, मधुमेह उच्च रक्तचाप भी पाया गया.
प्रतीकात्मक तस्वीर

कानपुर. फेफड़ों का कैंसर आज पूरी दुनिया में तेज़ी से फैलता जा रहा है. इसके कारण हर साल काफी बड़ी संख्‍या में मौतें होती हैं. क्या आपको पता है कि सिगरेट का धुआं भी इतना खतरनाक होता है कि पीने वाले के सामने बैठा व्यक्ति भी बीमारी का शिकार हो जाता है. ताजा अध्ययन में पता चला है कि फेफड़ों की बीमारी क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज ग्रस्त महिलाओं में से 55 फ़ीसदी को यह बीमारी उनके पतियों की सिगरेट पीने की आदत की वजह से हुई. इनमें से ज्यादातर में मोटापा, मधुमेह उच्च रक्तचाप भी पाया गया.

कानपुर स्थित जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के चेस्ट विभाग की टीम ने यह अध्ययन किया. इसमें सीओपीडी के 170 मरीज शामिल किए गए. अध्ययन के नतीजों ने यह भ्रम तोड़ दिया कि ध्रुवपान करने वाले सीओपीडी से बच सकते हैं. अध्ययन में 46% ने कभी सिगरेट नहीं पी लेकिन वे इस बीमारी की चपेट में थे. सिगरेट ना पीने वाली महिलाओं में 55% के पति या घर का पुरुष सदस्य चेनस्मोकर था.

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नहीं पीने वालों को भी घेर सकती है बीमारी

अध्ययन में यह भी पता चला है सीओपीडी से ग्रस्त 46.3% पुरुष पहले सिगरेट पीते थे लेकिन जब बीमारी होई तब तक सिगरेट छोड़ें कई वर्ष बीत चुके थे. अध्ययन में सिगरेट पीने वाले सिर्फ 1 3.4 प्रतिशत में सीओपीडी मिला. जस्ट विभाग की अध्यक्ष डॉ आनंद कुमार ने कहा कि अध्ययन ने साबित किया है कि सीओपीडी सिगरेट नहीं पीने वालों को भी घेर सकती है.

हर साल तंबाकू खाने से मरते है 80 लाख लोग

विश्व स्वास्थ्य सगंठन के अनुसार 80 लाख लोगों की मौत तंबाकू के कारण हर साल दुनियाभर में हो रही है. वहीं 70 लाख की मौत इनमें से हर साल स्मोकिंग जैसे सीधे तंबाकू लेने से हो रही है. सिगरेट- बीड़ी पीने वालों में कोरोना के साथ साथ कैंसर हृदय रोग, मधुमेह की आशंका अधिक हो रही है.

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