IIT कानपुर में जियोडेसी का नया पाठ्यक्रम शुरू,तयार होंगे धरती नापने वाले विशेषज्ञ

Smart News Team, Last updated: Fri, 6th Aug 2021, 12:24 PM IST
  • आईआईटी कानपुर के छात्रों के लिए एक बड़ी खबर सामने आ रही है. दरअसल, आईआईटी कानपुर में जियोडेसी यानी भू गणित का नया पाठ्यक्रम शुरू हो गया है.
आईआईटी कानपुर में जियोडेसी यानी भू गणित का नया पाठ्यक्रम शुरू हो गया है

कानपुर. आईआईटी कानपुर के छात्रों के लिए एक बड़ी खबर सामने आ रही है. दरअसल, आईआईटी कानपुर में जियोडेसी यानी भू गणित का नया पाठ्यक्रम शुरू हो गया है. आईआईटी में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. ओंकार दीक्षित, मेजर जनरल डॉ. बी नागराजन, प्रो. बालाजी देवराजु की देखरेख में नेशनल सेंटर फॉर जियोडेसी की स्थापना की गई है. यह सेंटर शिक्षा और अनुसंधान गतिविधियों को समर्थन करने वाला देश का पहला केंद्र है.

बता दें, इसमें पृथ्वी को मापने वाले विशेषज्ञ तैयार किए जाएंगे. संस्थान में इस कोर्स के लिए बीओजी में अनुमति मिल गई है. इसमें सिविल इंजीनियरिंग विभाग के तीन क्षेत्र जियोडेसी, नेविगेशन, मैपिंग और रिमोट सेंसिंग के बारे में बताया जाएगा.

इस कोर्स में भूकंप, ज्वालामुखी, भूस्खलन और मौसम के खतरे, जलवायु परिवर्तन, मृदा स्वास्थ्य, जल संसाधन, सूखा निगरानी पर विशेषज्ञ काम करेंगे. संस्थान के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने कहा कि जियोडेसी डिप्लोमा कोर्स के माध्यम से अनुसंधान में मदद मिलेगी.

जियोडेसी में धरती पर उपलब्ध सभी प्राकृतिक संसाधनों की माप ली जाती है. मसलन कितने सागर, कितने पहाड़, धरती की गहराई, झील सहित अन्य प्राकृतिक संसाधनों की माप ली जाती है. इसके लिए सैटेलाइट, सेंसर, नेविगेशन की मदद ली जाती है. इसका उपयोग सभी समान मानचित्रों, एटलस और स्थलाकृतिक योजनाओं को बनाने और उपयोग करने में होता है.

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