त्योहारों पर ट्रेनें फुल अब तत्काल कोटे का सहारा
- दीपावली व छठ त्यौहार में आम लोगों को घर भेजने के लिए रेलवे के द्वारा स्पेशल ट्रेनों की घोषणा के बाद भी ट्रेन की टिकट को लेकर मारामारी है, और जिसके चलते अब सिर्फ तत्काल कोटे का ही सहारा यात्रियों के पास बचा है.
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कानपुर: करोना महामारी के बाद सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए लोगों को यात्रा कराने का जिम्मा रेलवे प्रशासन के ऊपर है. लेकिन इस बार दीपावली व छठ पूजा पर ट्रेनें पूरी तरह से फुल हैं.यहां तक की स्पेशल ट्रेनों में भी आरक्षण के लिए जबर्दस्त मारामारी है.ऐसे में त्योहार पर अपने घर जाने के लिए लोगों के पास अब तत्काल कोटे का ही सहारा है. और ऐसे में आरक्षण करने वालों की तो चांदीी हो गई है.
और लोग पहलेेे से ही एडवांस बुकिंग करानेेेे में लगे हैं. फिर भी कम्प्यूटर आरक्षण की लम्बी प्रतीक्षा सूची दर्शा रहे हैं. लम्बी दूरी की या कम दूरी की दोनों ही तरह की ट्रेनों में यही स्थिति बनी है.खास तौर पर बिहार की ओर जाने वाली ट्रेनों में कई में तो प्रतीक्षा सूची का आंकड़़ा बेहद लम्बा है.20 नवम्बर तक कम्प्यूटर ट्रेनें फुल दर्शा रहे हैं.हालांकि रेल प्रशासन ने त्योहारों के मद्देनजर कई स्पेशल ट्रेनें चलाए जाने की घोषणा की है.
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खास तौर पर बिहार प्रान्त के विभिन्न स्टेशनों के लिए बड़़ी संख्या में स्पेशल ट्रेनों की सारिणी जारी की गई है लेकिन यहां की भी कई स्पेशल ट्रेनें भी अभी से ही फुल हो गई हैं.इस स्थिति में लोगों के पास अब तत्काल कोटे से आरक्षण कराने का ही सहारा रह गया है.यह टिकट भी ट्रेन के चलने से 24 घंटा पूर्व ही बनती है.आरक्षण कक्ष में काम करने वाले रेलवे कर्मचारी ने बताया कि कोरोना प्रोटोकॉल के तहत सिर्फ कन्फर्म टिकट पर ही यात्रा करने की अनुमति है.यह भी आरक्षण की मारामारी का एक बड़़ा कारण है.हालांकि रेल प्रशासन लगातार स्पेशल ट्रेनों की घोषणा कर रहा है जिसके चलते निश्चित तौर पर यात्रियों को राहत मिलेगी.
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