Vivah Panchami 2021: विवाह पंचमी के दिन भूलकर भी न करें बिटिया की शादी, पुराणों में बताई गई है वजह

Pallawi Kumari, Last updated: Tue, 23rd Nov 2021, 4:20 PM IST
  • मार्गशीर्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी का पर्व मनाया जाता है. हिंदू धर्म में विवाह पंचमी का खास महत्व होता है. इस बार विवाह पंचमी 8 दिसंबर को है. इसी दिन भगवान श्री राम और माता सीता की शादी हुई थी. लेकिन विवाह पंचमी के दिन विवाह निषेध होता है. इस दिन हिंदू धर्म में शादी नहीं की जाती है. 
विवाह पंचमी के दिन होता है विवाह निषेध

मर्यादापुरुषोत्तम श्री राम और माता सीता के विवाह वर्षगांठ के रूप में विवाह पंचमी का त्योहार मनाया जाता है. ये दिन काफी शुभ माना जाता है. हर साल मार्गशीर्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी मनाई जाती है और पूजा की जाती है. इस साल 8 दिसंबर को विवाह पंचमी का पर्व मनाया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि विवाह पंचमी के दिन ही विवाह निषेध होता है. राम-सीता की जोड़ी का उदाहरण हमेशा ही सुनने को मिलता है. फिर राम सीता के वैवाहिक वर्षगांठ की शुभ तिथि पर विवाह क्यों नहीं की जाती.

आपके मन में जरूर ये सवाल होगा कि आखिर इतने शुभ दिन पर विवाह न करने का क्या कारण है. इसका जवाब आपको पुराणों में मिलेगा. आइये जानते हैं इस दिन विवाह न करने का कारण.

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पौराणिक कथा के अनुसार कहा जाता है कि, अगहन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिछि को राम-सीता का विवाह मिथिलांचल में हुआ था. सीता के विवाह के लिए स्वयंवर किया गया . जब कई राजाओं ने प्रयास के बाद भी कोई धनुष हिला न सका. तब भगवान राम ने धनुष उठाकर प्रत्यंचा चढ़ाने लगे कि धनुष टूट गया. इसके बाद राम-सीता का विवाह हुआ. इसके बाद राम जी के साथ माता सीता का विवाह हुआ.

बता दें कि सीता का वैवाहिक जीवन काफी दुखद था. शादी के बाद उन्होंने राज पाट छोड़ वह राम जी के साथ 14 साल के वनवास के लिए चली गई. फिर रावण ने उनका हरण कर लिया. इन सभी कारणों से ये दिन विवाह के लिए शुभ नहीं माना जाता. लेकिन सुखमय वैवाहिक जीवन या शादी में आने वाली अड़चनों के लिए ये दिन पूजा पाठा के लिए बेहद शुभ है.

Vivah Panchami 2021: विवाह पंचमी के दिन है श्री राम-माता सीता की वैवाहिक वर्षगांठ, जानें महत्व

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