कानपुर: महिलाओं की तुलना में पुरुषों में ज्यादा खर्राटे लेने की खतरनाक बीमारी

Smart News Team, Last updated: 24/11/2020 12:52 PM IST
  • सर्दियों के साथ-साथ बाहरी इलाकों में बावरियों द्वारा वारदातें शुरू हो जाती है, जिसके चलते पुलिस टीम बाहरी इलाकों में गश्त बढ़ाए. यह आदेश सोमवार को चकेरी थाना क्षेत्र में औचक निरीक्षण करने पहुंचे एडीजी जय नारायण सिंह ने दिए. उन्होंने नौ चौकी क्षेत्र के थाना को प्रशासन से संपर्क कर थाने को बड़े स्थान पर स्थानांतरित करवाने के प्रयास के भी निर्देश दिए.
  • मुंह में मास्क, गले में आईकार्ड और हाथों में सेनेटाइजर की बोतल लेकर छात्र पहले दिन कॉलेज पहुंचे. अस्पतालों की तरह गेट पर ही सभी का तापमान चेक किया गया. इसके साथ ही कोरोना संक्रमण से बचाव की जानकारी दी गई. बाहर के किसी भी छात्र को कॉलेज के अंदर और विश्वविद्यालय के अंदर प्रवेश नहीं दिया गया. गेट पर शिक्षकों की एक टीम मुस्तैद रही. इसके साथ ही विश्वविद्यालय ने छात्रों के मास्क ना लगाने पर सौ रुपए का जुर्माना किया. पीपीएन कॉलेज समेत अन्य कॉलेजों में मास्क ना लगाए जाने पर चेतावनी के साथ मास्क देकर प्रवेश दिया गया.
  • कोरोना बहुरुपिया होता जा रहा है. पहले बुखार सांस लेने में दिक्कत आदि इसके लक्षण होते थे लेकिन अब कमर और गर्दन दर्द भी इसके लक्ष्ण शुरू हो गए हैं. हैलेट के न्यूरो कोविड अस्पताल के डॉक्टरों ने अस्पताल में भर्ती कमर और गर्दन दर्द वाले मरीजों का टेस्ट कराया तो संक्रमण की पुष्टि हुई. यही नहीं मांसपेशियाँ और खून की नलियों में सूजन पाई जा रही है. मरीजों में वायरल लोड अधिका पाया जा रहा है. वहीं 24 घंटे में कोरोना की अपडेट में दो मरीजों की मौत हुई 133 संक्रमित मिले.
  • खर्राटों की समस्या अकसर लोग हंसी मजाक में टाल देते हैं लेकिन यह बीमारी अब खतरनाक रूप लेती नजर आ रही है. डॉक्टरों ने इस पर शोध किया तो पता चला कि पुरुषों की तुलना में महिलाएं कम खर्राटे लेती हैं. इसके साथ ही तीन पुरुषों के सापेक्ष्य में एक महिला में यह बीमारी पाई जाती है. वहीं मोटे लोगों में यह दिक्कत 70 फीसदी तक मिलती है. डॉक्टरों की संस्था स्लीप फाउंडेशन ने तीन साल तक तीन हजार से अधिक मरीजों का डाटा बनाकर शोध किया तो पता चला कि व्यायाम ना करने वाले और मोटे लोगों में 36 वर्ष के बाद यह समस्या शुरू हो जाती है.
  • कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की नवमी को सुबह से ही आंवला वृक्ष के नीचे परिवारों का जुड़ना शुरू हो गया. आंवला नवमी पर सोमवार को महिलाओं ने आंवला वृक्ष के नीचे भगवान शंकर व विष्णु की पूजा कर समृद्धि व सेहत की कामना की. साथ ही कई महिलाओं ने कोरोना से मुक्ति की भी कामना की. आंवला वृक्ष के नीचे परिवार के सदस्यों ने एक साथ बैठ कर भोजन ग्रहण किया.

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