कोरोना की वजह से पैरोल पर रिहा हुए 1370 बंदी नहीं लौटे वापस जेल, होंगे अरेस्ट

Smart News Team, Last updated: Mon, 30th Nov 2020, 9:07 PM IST
कोरोना संक्रमण की वजह से सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पैरोल पर रिहा हुए 1370 बंदी निर्धारित समयावधि बीत जाने के बाद भी वापस नहीं लौटे हैं. ऐसे भी अब उन्हें गिरफ्तार कर वापस जेल में लाया जाएगा.
कोरोना की वजह से पैरोल पर रिहा हुए 1370 कैदियों को अब गिरफ्तार कर जेल लाया जाएगा.

लखनऊ. जेल अधीक्षकों की ओर से सभी जिलों के पुलिस कप्तानों को पत्र भेजा गया है. यह पत्र उन बंदियों की गिरफ्तारी को लेकर भेजा गया है जो पैरोल पर रिहा होकर वापस नहीं लौटे हैं. दरअसल, कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बंदियों को पैरोल पर रिहा गया था लेकिन निर्धारित अवधि बीत जाने के बाद भी 1370 बंदी वापस नहीं लौटे हैं. इन बंधुओं को गिरफ्तार कर जेलों में वापस लाया जाएगा.

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रदेश की उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने सजा काट रहे कुल 2256 बंदियों को जेलों से आठ सप्ताह की विशेष पैरोल पर रिहा किए जाने की रिकमेंड किया था.इसके बाद रिहा किए गए बंदियों की बाद में आठ-आठ सप्ताह के लिए तीन बार पैरोल अवधि बढ़ाई गई. पैरोल पर रिहाई के दौरान ही चार बंदियों की मौत हो गई और 136 की अंतिम रूप से रिहाई हो गई. इन बंदियों में से 56 अन्य वाद में जेल में निरुद्ध हैं. इस तरह कुल 193 को छोड़कर 2063 को पैरोल अवधि वापस समाप्त होने के बाद जेल में वापस लौटना था.

यूपी नई कोरोना गाइडलाइंस जारी, संक्रमण काबू से बाहर तो लगेगा नाइट कर्फ्यू

जानकारी के अनुसार 19 नवंबर 2020 को जारी आदेश में शासन ने पैरोल पर रिहा किए गए बंदियों को तीन दिन के अंदर जेलों में वापस दाखिल होने का निर्देश दिया गया था. शासन के इस आदेश के अनुपालन में अभी तक कुल 693 बंदी ही विभिन्न जेलों में वापस लौटे हैं. इस प्रकार अब 1370 बंदियों को अभी भी जेलों में वापस लौटना है.

योगी सरकार का सार्थक कदम: गूगल और यूट्यूब जैसी कंपनियां यूपी में रखेंगी डाटा

डीजी जेल आनंद कुमार के निर्देश पर जेल अधीक्षकों की तरफ से अब इन बंदियों को गिरफ्तार किए जाने के लिए संबंधित जिलों के पुलिस कप्तानों को पत्र लिखे जा रहे हैं. जिन जिलों में ये पत्र पहुंच गए हैं, वहां बंदियों की तलाश में पुलिस टीमें लगा दी गई हैं.

 

आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं।हिन्दुस्तान का ePaper पढ़ें |

अन्य खबरें