देश के 14 इंजीनियरिंग कॉलेज में होगी क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई, यूपी के 4 कॉलेज शामिल

Smart News Team, Last updated: Sat, 17th Jul 2021, 3:46 PM IST
  • नई शिक्षा नीति के तहत देश के 14 इंजीनियरिंग कॉलेज में तकनीकी शिक्षा पढाई क्षेत्रीय भाषा में कराई जाएगी. इसके यूपी के चार कॉलेज शामिल है. इसमें राजस्थान के दो, मध्यप्रदेश और उतराखड़ के एक-एक कॉलेज शामिल है.
नई शिक्षा नीति के अंतर्गत देश की 14 इंजीनियरिंग कॉलेज में होगी क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई.( सांकेतिक फोटो )

लखनऊ: इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए अच्छी खबर आई है. अब देश के 14 इंजीनियरिंग कॉलेजों में क्षेत्रीय भाषा में पढाई कराई जाएगी. क्षेत्रीय भाषा में पाठ्यक्रम चलाने का फैसला नई शिक्षा नीति के अंतर्गत लिया गया है. इसमें उत्तर प्रदेश से चार, राजस्थान से दो और मध्य प्रदेश और उत्तराखंड के एक-एक कॉलेज को हिन्दी में पाठ्यक्रम के लिए चुना गया है. मातृभाषा में शिक्षा देने के लिए इस साल केबल 14 तकनीकी विद्यालयो को ही चुना गया है. सरकार के इस फैसले तकनीक शिक्षा में नए बदलाव आ सकते है.

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने विगत वर्ष में घोषणा की थी कि 2021-22 के शैक्षणिक वर्ष से इंजीनियरिंग और तकनीकी शिक्षा में मातृभाषा में पाठ्यक्रम पर जोर दिया जाएगा. इसके बाद एआईसीटीई ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में अपनी मातृभाषा में शिक्षा की मांग की. क्षेत्रीय भाषा की मंजूरी मिलने के बाद बीटेक, इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग में क्षेत्रीय भाषा में कोर्स शुरु होगा. क्षेत्रीय भाषाओं में हिन्दी के अलावा मराठी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, गुजराती, मलयालम और बंगाली, असमिया, पंजाबी और उड़िया आदि भाषाएं शामिल है.

राजस्थान के दो इंजीनियरिंग कॉलेजों में नई शिक्षा नीति के तहत क्षेत्रीय भाषाओं में होगी पढ़ाई

कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 100 केंद्रीय वित्त पोषित तकनीकी संस्थानों को अपने संबोधन में कहा था, कि तकनीकी शिक्षा में भारतीय भाषाओं पर जोर दिया जाना चाहिए. इसके अलावा अंतराष्ट्रीय पत्रिकाओं का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद करने पर भी बल दिया था. एआईसीटीई ( NICTE ) के अध्यक्ष अनिल सहस्रबुद्धे ने कहा कि तकनीकी शिक्षा में आठ क्षेत्रीय भाषाओं में इंजीनियरिंग पर सभी वीडियो व्याख्यान का अनुवाद पहले ही पूरा कर लिया गया है. आने वाले समय में अन्य क्षेत्रीय भाषा उड़िया, असमिया और पंजाबी में भी अनुवाद किया जाएगा.

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