लखनऊ के कुकरैल नाला में गिरने वाले 17 नाले बंद होंगे, 2023 तक 28 KM लंबी नदी बनेगी

लखनऊ. नाले में तब्दील हो चुकी कुकरैल नदी को पुनर्जीवित करने के कार्यों को रफ्तार मिलने लगी है. बता दें कि गुरुवार को एक कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन गोपाल ने कुकरैल में गिरने वाले 17 नालों को बंद करने तथा नदी के सुंदरीकरण के कार्यों का शिलान्यास किया. नगर विकास मंत्री ने बताया कि करीब 28 किलोमीटर लंबी इस पुरानी नदी का कायाकल्प होगा. कुकरैल में मिलने वाले सभी नालों को टेप कर कर इसका गन्दा पानी भरवारा एसटीपी ले जाया जाएगा. नगर विकास मंत्री के शिलान्यास कार्यक्रम के बाद कुकरैल नाले को नदी के रूप में परिवर्तित करने का काम तेजी से शुरू हो जाएगा. बता दें कि कुकरैल नाला गोमती में गिरने वाला शहर का सबसे बड़ा नाला है.
शिलान्यास कार्यक्रम में नगर विकास मंत्री ने बताया कि इस पर पहले चरण में 67.65 करोड रुपए खर्च होगा. इसे संवारने का काम गाजियाबाद की एक कंपनी को दिया गया है. बता दें कि कुकरैल नदी बहाल करने का काम अगस्त 2023 तक पूरा हो जाएगा. नदी के तल को साफ करने के लिए 6 करोड़ तक रुपए खर्च होगा. तलहटी की सफाई का काम नगर निगम को दिया गया है. 120 एमएलडी क्षमता का नया सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट भी बनाया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसके निर्माण पर 297.38 करोड़ रुपए खर्च होगा.
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मालूम हो कि कुकरैल नाले को फिर से नदी के स्वरूप में लाने के लिए कई सालों से योजना की शुरुआत होने पर ब्रेक लगा हुआ था. नगर विकास मंत्री ने इससे पहले भी इसके कार्य को बहाल करने पहल की थी. इसके बाद नाले किनारे बसी बस्तियों का सर्वे भी हुआ था लेकिन कोरोना काल के चलाते यह भी ठप हो गया था. कुकरैल नदी को पुनर्जीवित करने के लिए कार्यों को एक बार फिर गति मिल चुकी है. योजना के मुताबिक कुकरैल के तटबंधों से अवैध कब्जे हटाकर उनका सौंदर्यीकरण किया जाएगा. इन्हें ऐसे विकसित किया जाएगा कि ये पर्यटन स्थल के तौर पर जाने जाएं.