NFHS Survey: उत्तर प्रदेश में 87 फीसदी महिलाएं लेती हैं घरों के फैसले

ABHINAV AZAD, Last updated: Fri, 26th Nov 2021, 9:17 AM IST
  • नेशनल फैमली हेल्थ सर्वे के नए आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में 87.6 फीसदी महिलाएं घरों के फैसले लेती हैं. जबकि इससे पहले यह आंकड़ा 81.7 फीसदी था. यानि यूपी में महज 12.4 फीसदी पुरूष ही घरों के बॉस हैं.
NFHS सर्वे के मुताबिक, यूपी में 100 में से 13 से ज्यादा पुरूष डायबिटीज के रोगी हैं.

लखनऊ. नेशनल फैमली हेल्थ सर्वे (NFHS) ने नया आंकड़ा जारी किया है. इस आकंड़े की मानें तो पहले के मुकाबले घरों में महिलाओं की धमक बढ़ी है. 2015-16 के सर्वे के मुताबिक, 81.7 फीसदी महिलाएं घरों के फैसले लेती थीं. लेकिन अब यह आंकड़ा बढ़कर 87.6 फीसदी हो गया है. यानि महज 12.4 फीसदी पुरूष ही घरों के बॉस होते हैं.

नेशनल फैमली हेल्थ सर्वे के मुताबिक, 2015-16 में उत्तर प्रदेश में 34.2 फीसदी महिलाओं के नाम अथवा संयुक्त मकान-जमीन थी जो 2020-21 में बढ़कर 51.9 फीसदी हो गया. अब शहर में 46.8 और गांव में 53.9 फीसदी महिलाओं के नाम पर जमीन एवं घर है. सर्वे के मुताबिक, 18-49 आयु वर्ग में पत्नी के साथ हिंसा में कमी आई है. 2015-16 में 36.7 फीसदी महिलाओं ने सर्वे में हिंसा को रिपोर्ट किया. साल 2020-21 में 34.8 फीसदी दर्ज हुई. 2015-16 में गर्भावस्था में शारीरिक हिंसा का 4.3 फीसदी महिलाओं ने सामना किया था.

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साथ ही सर्वे में पता चला है कि बिगड़ती लाइफ स्टाइल और खानपान का सीधा असर उत्तर प्रदेश के लोगों की सेहत पर पड़ रहा है. 15 साल और उससे अधिक उम्र के लोग तेजी से डायबिटीज के रोगी हो रहे हैं. इनमें पुरूषों की संख्या महिलाओं की अपेक्षा अधिक है. उत्तर प्रदेश की बात करें तो 100 में से 13 से ज्यादा पुरूष इस बीमारी की गिरफ्त में है और ब्लड शुगर लेवल ठीक रखने के लिए दवाओं का सेवन कर रहे हैं. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे -5 की रिपोर्ट में इस बार 15 साल और उससे अधिक उम्र वालों के बल्ड शुगर लेवल के सर्वेक्षण को बी शामिल किया गया है. यह सर्वेक्षण रैंडम जांच पर आधारित है.

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