31 मई तक बैंक वसूली और इन काम पर नहीं होगी कार्रवाई, हाइकोर्ट से राहत

Smart News Team, Last updated: Sun, 25th Apr 2021, 7:50 AM IST
  • प्रदेश के जिला न्यायालयों सहित सभी लोवर कोर्ट, फैमिली कोर्ट, लेबर कोर्ट, इंडस्ट्रियल अथॉरिटी और सभी न्यायिक व अर्द्धन्यायिक संस्थाओं के सभी अंतरिम आदेश 31 मई तक बढ़ा दिए हैं.
31 मई तक बैंक वसूली और इन काम पर नहीं होगी कार्रवाई, हाइकोर्ट से राहत 

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति संजय यादव एवं न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की खंडपीठ ने अपने व प्रदेश के जिला न्यायालयों सहित सभी लोवर कोर्ट, फैमिली कोर्ट, लेबर कोर्ट, इंडस्ट्रियल अथॉरिटी और सभी न्यायिक व अर्द्धन्यायिक संस्थाओं के सभी अंतरिम आदेश 31 मई तक बढ़ा दिए हैं. दो जजों की खंडपीठ ने राज्य सरकार, नगर निकाय, स्थानीय निकाय, सरकारी एजेंसी, विभागों आदि के बेदखली, खाली कराने के आदेशों व ध्वस्तीकरण कार्रवाई पर भी 31 मई तक रोक लगा दी है.

यह सामान्य समादेश कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति संजय यादव एवं न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की खंडपीठ ने पांच जनवरी 2021 को निस्तारित हो चुकी स्वतः कायम जनहित याचिका को पुनर्स्थापित करते हुए जारी किया है. खंडपीठ ने यह आदेश संविधान के अनुच्छेद 226 व 227, सीआरपीसी की धारा 482 और सिविल प्रक्रिया संहिता की धारा 151 के तहत प्राप्त अंतर्निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किया है.

UP में शिक्षकों का दावा- जहां भी हुआ पंचायत चुनाव, वहीं सबसे ज्यादा फैला कोरोना

यह आदेश क्रिमिनल केसेस में भी लागू होगा

हाईकोर्ट ने कहा कि क्रिमिनल केसेस की सुनवाई कर रही अदालतों से जारी जमानत और अग्रिम जमानत के आदेश भी 31 मई तक प्रभावी रहेंगें. इसके अलावा सरकार, स्थानीय निकाय व प्राधिकरणों द्वारा जारी किये गए ध्वस्तीकरण या बेदखली के आदेश पर 31 मई तक रोक रहेगी.

यूपी में कोरोना का हाहाकार तोड़े सभी रिकॉर्ड, जानें आज कितने हुए संक्रमित

31 मई तक बैंक वसूली पर रोक

कोर्ट ने सभी बैंकों, प्राइवेट क्रेडिट, वित्तीय संस्थाओं को संपत्ति या व्यक्ति के खिलाफ 31 मई तक उत्पीड़नात्मक कार्रवाई करने से रोक दिया है. कोर्ट ने कहा है कि यदि किसी को दिक्कत हो तो वह सक्षम अदालत, अधिकरण में अर्जी दे सकता है. जिसका निस्तारण किया जायेगा. यह सामान्य आदेश अर्जी निस्तारण में बाधक नहीं होगा. एक्टिंग चीफ जस्टिस संजय यादव और जस्टिस प्रकाश पाडिया की डिवीजन बेंच ने यह आदेश दिया है.

 

आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं।हिन्दुस्तान का ePaper पढ़ें |

अन्य खबरें