फ्लैट एरिया बढ़ाने के नामपर बिल्डर ज्यादा पैसे नहीं वसूल सकते: सुप्रीम कोर्ट

Smart News Team, Last updated: Sun, 17th Jan 2021, 12:30 PM IST
  • जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग के फैसले के खिलाफ बिल्डर की अपील पर सुनवाई कर रही थी. इसमें बिल्डर ने एक अनुबंध प्रावधान का हवाला देते हुए कहा कि यदि बिक्री क्षेत्र 10 प्रतिशत तक बढाया जाता है, तो उसका पैसा अलग से देना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने यह अपील खारिज कर दी.
सुप्रीम कोर्ट.

लखनऊ: सुप्रीम कोर्ट ने फ्लैट के सेल एरिया (कार्पेट एरिया) में वृद्धि के कारण फ्लैट बिक्री समझौता से अलग बिल्डरों के अतिरिक्त धन की मांग को अवैध करार दिया है, यानी फ्लैट एरिया बढ़ाने जैसे बालकनी, साफ्ट, आउटडोर स्टैंडिंग एरिया के नाम पर बिल्डर खरीदार से ज्यादा या अतिरिक्त पैसे नहीं वसूल सकता. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग के फैसले के खिलाफ बिल्डर की अपील पर सुनवाई कर रही थी. इसमें बिल्डर ने एक अनुबंध प्रावधान का हवाला देते हुए कहा कि यदि बिक्री क्षेत्र 10 प्रतिशत तक बढाया जाता है, तो उसका पैसा अलग से देना होगा. सुप्रीकोर्ट ने यह अपील खारिज कर दी. आयोग ने कहा था कि देखने में आया है कि एक बार मूल योजना मंजूर कर दिए जाने के बाद आवासीय इकाई के क्षेत्रों के साथ-साथ आम स्थानों और आम इमारतों को निर्दिष्ट किया जाता है.

बिल्डर ढांचागत बदलाव तक नहीं कर सकते, जब तक की फ्लैट के क्षेत्र में कोई परिवर्तन ना हो या किसी भी सामान्य इमारत के क्षेत्र में या परियोजना के कुल क्षेत्र (भूखंड क्षेत्र) को बदला गया हो. यह ज्यादातर बिल्डरों/डेवलपर्स द्वारा अपनाया जाने वाला एक सामान्य व्यवहार है, जो मूल रूप से एक अनुचित व्यापार व्यवहार है. यह उस समय आवंटियों (खरीदारों) से अतिरिक्त धन निकालने का साधन बन गया है. जब आवंटन की परियोजना पर्याप्त राशि परियोजना में फंस जाती है और वह उसे छोड़ नहीं पाता. आयोग ने कहा कि कोई भी ऐसी प्रणाली नहीं है, अब से मंजूरीशुदा योजना के अंतिम चरण में अतिरिक्त सुपरक्षेत्र के संबंध में प्रमाण पत्र जारी किया जाए.

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ज्यादातर मामलों में बिल्डर्स बिना फ्लैट मालिक के अनुमति में अतिरिक्त निर्माण कर अतिरिकत पैसे की मांग करते हैं, जबकि यह गैरकानूनी है. कभी-कभी बिल्डर्स अनुबंध के विपरीत जाकर अतिरिक्त निर्माण के नाम पर ज़्यादा पैसा मांगते हैं, जो फ्लैट खरीदार को मजबूरन देना पड़ता है.

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 शिकायतकर्ता ने कहा बिना आधार राशि मांगी

शिकायतकर्ता ने दलील दी कि बिना किसी आधार के बिल्डर ने अतिरिक्त बिक्री क्षेत्र की मांग भेजी और बाद में आर्किटेक्ट का प्रमाण पत्र भेज दिया.बिल्डर ने कहा कि आर्किटेक्ट की रिपोर्ट के आधार पर ज़्यादा पैसों के लिए मांग की गई थी.

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