मृत्यु के बाद AADHAAR CARD व PAN CARD का क्या करना चाहिए? जानें नियम
- किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद आधार व पैन कार्ड अपने पास भी रख सकते हैं. आधार व पैन जमा करवाने का कोई सरकारी प्रावधान तो नहीं है लेकिन चाहे तो जमा करवा सकते हैं. इसके लिए UIDAI की वेबसाइट पर मृत व्यक्ति के बायोमेट्रिक्स को लॉक करवा सकते हैं व पैन कार्ड के लिए असेसिंग ऑफिसर को पत्र लिख सकते हैं.

लखनऊ. इस चीज की जानकारी बहुत कम लोगों को होती है की किसी व्यक्ति के मृत्यु के बाद उसके आधिकारिक दस्तावेज आधार व पैन कार्ड का क्या करना चाहिए. इन्हें परिवार कब तक अपने पास रख सकता है? यदि नही रख सकता तो कैसे इसको बंद करवा सकते हैं. इसके अलावा क्या मृत व्यक्ति के परिजन इसे कैसे सरकारी ऑफिस में सौंप सकते है. ये सारी जानकारी आज हम आपको देंगे.
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आधार कार्ड का क्या करें:
आधार कार्ड वैसे तो अब मुख्य पहचान और पते का प्रमाण होता है. अब कहीं सरकारी या निजी काम में आधार कार्ड की बहुत जरूरत होती है. एलपीजी सब्सिडी का लाभ उठाने से लेकर सरकार से छात्रवृत्ति लाभ, ईपीएफ खातों आदि के मामले में आधार नंबर जरूरी है. आधार एक यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर है इसलिए मरने के बाद भी नंबर बना रहता है. आधार कार्ड को देखने वाली संस्था यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI), अभी तक राज्यों में डेथ रजिस्ट्री से जुड़ी नहीं है, इसलिए डेथ को दर्शाने के लिए आधार ऑटोमेटिक रूप से अपडेट नहीं होता. ऐसे में मौजूदा समय में मृत्यु के पंजीकरण या मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए भी आधार अनिवार्य नहीं है, इसलिए परिवार के सदस्यों के लिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि इसका कोई दुरुपयोग न हो.
यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) के पास मृत व्यक्ति के आधार कार्ड को निस्क्रिय और निरस्त करने का कोई प्रोसेस नहीं है. साथ ही आधार डाटाबेस के पास आधार कार्ड से जुड़ी जानकारी को अपडेट करने का कोई प्रावधान नहीं है. हालांकि बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के दुरुपयोग को रोकने के लिए, कानूनी उत्तराधिकारी UIDAI की वेबसाइट पर मृत व्यक्ति के बायोमेट्रिक्स को लॉक करवा सकते हैं.
पैन कार्ड का क्या करें:
अक्सर करके पैन कार्ड का काम बैंक अकाउंट, डीमैट अकाउंट, आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने जैसे कामों में इस्तेमाल किया जाता है. ऐसी स्थिति में यदि किसी व्यक्ति के मरने के बाद भी आयकर रिटर्न भरना है या इनकम टैक्स रिफंड लेना है तो पैन कार्ड काम आता है. मृतक का कोई इनकम टैक्स रिफंड ड्यू है, तो ये राशि उसके बैंक अकाउंट में जमा होगी. पैन कार्ड को वापस करने का वैसे तो कोई सरकारी प्रावधान नहीं है लेकिन यदि परिवार चाहे तो बैंक अकाउंट बंद करने के बाद व इनकम टैक्स संबंधित काम होने के बाद पैन कार्ड दफ्तर में कानूनी उत्तराधिकारी को असेसिंग ऑफिसर (AO) को एक आवेदन लिखकर पैन कार्ड सरेंडर कर सकते हैं.
पत्र में देनी होती है ये जानकारी:
वैसे तो पैन कार्ड वापस जमा करवाने का कोई सरकारी प्रावधान तो नहीं है लेकिन यदि लगता है कि आगे भविष्य में जरूरत पड़ सकती है तो उसे अपने पास रख सकते हैं. लेकिन पैन कार्ड सरेंडर करने के लिए पत्र में मृतक का नाम, मृत्यु का कारण, पैन और मृतक की जन्म तिथि की जानकारी देनी होगी. उसके साथ मृत्यु प्रमाण पत्र की एक प्रति लगानी होगी. ये आवेदन आपको असेसिंग ऑफिसर (AO) के पास जमा करना होगा. इसकी जानकारी आयकर विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर मिल जाएगी.
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