डॉ कफील क्यों गए थे जेल, जमानत से पहले योगी सरकार ने क्यों लगाई थी रासुका, पढ़ें

Smart News Team, Last updated: Wed, 2nd Sep 2020, 8:12 AM IST
  • इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मथुरा जेल में बंद डॉ कफील की तुरंत रिहाई के आदेश दिए हैं. इससे पहले फरवरी में डॉ कफील पर जमानत मिलने से ठीक पहले योगी सरकार ने एनएसए लगाया था जिससे जमानत रुक गई थी. पढ़ें क्यों उन्हें जेल भेजा गया और क्यों एनएसए लगा?
डॉ कफील क्यों गए थे जेल, जमानत से पहले योगी सरकार ने क्यों लगाई थी रासुका, पढ़ें

लखनऊ. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने डॉ कफील खान को तुरंत रिहा करने के आदेश दिए हैं. डॉ कफील पर यूपी योगी आदित्यनाथ सरकार ने फरवरी में रासुका लगाई थी जिस कारण वो जमानत पर रिहा नहीं हो पाए थे. डॉ कफील को कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में जेल भेजा गया था. मंगलवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उस भाषण को एकता बढ़ाने वाला बताकर डॉ कफील खान को जेल से तुरंत रिहा करने के आदेश दिए. 

गौरतलब हो की पिछले साल दिसंबर 2019 में डॉ कफील खान ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में एक भाषण दिया था जिसे भड़काऊ करार देते हुए उन्हें जेल में डाला गया था. उन्होंने ऐंटी सीएए प्रदर्शन के दौरान एएमयू में छात्रों को संबोधित किया था. उनके इस भाषण को भड़काऊ करार दिया गया और उनपर एफआईआर दर्ज की गई. इसके बाद से ही वो फरार रहे. उन्हें जनवरी में गिरफ्तार किया गया और न्यायित हिरासत में भेज दिया गया. 

इलाहाबाद HC ने दिए डॉ कफील खान को रिहा करने के आदेश, योगी सरकार ने लगाया था NSA

डॉ कफील ने कोर्ट में जमानत याचिका दर्ज की जिसके तहत उन्हें जमानत पर रिहा किया जाना था. हालांकि यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने उनपर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम-1980, एनएसए या रासुका लगा दि और उन्हें जमानत नहीं मिली. दरअसल एनएसए के अनुसार देश की सुरक्षा के लिए सरकार किसी व्यक्ति को हिरासत में रख सकती है. इसी तरह डॉ कफील को जमानत मिलने के बाद भी वो जेल से रिहा नहीं हो पाए.

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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मंगलवार को डॉ कफील को रिहा करते हुए कहा कि डॉक्टर कफील का भाषण हिंसा या नफरत बढ़ाने वाला नहीं, बल्कि राष्ट्रीय अखंडता और नागरिकों के बीच एकता बढ़ाने वाला था. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने डॉ कफील पर हुई एनएसए के तहत कार्रवाई को अवैधानिक करार दिया.

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