लव जिहाद पर इलाहाबाद HC का फैसला, कहा- दो बालिग को हिंदू-मुसलमान मानकर ना देखें

Smart News Team, Last updated: Tue, 24th Nov 2020, 3:07 PM IST
  • इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आज कथित लव जिहाद को लेकर एक अहम फैसला दिया है. सलामत अंसारी की याचिका सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि दो बालिग लोगों को सिर्फ हिंदू-मुसलमान मानकर ना देखें.
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लखनऊ. यूपी की योगी सरकार लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने वाली है, इस बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कथित लव जिहाद को लेकर एक अहम फैसला दिया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कुशीनगर निवासी सलामत अंसारी के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया. कोर्ट ने कहा कि दो बालिग लोगों को सिर्फ हिंदू-मुसलमान मानकर ना देखें. 

यूपी में कुशीनगर के सलामत और प्रियंका की अर्जी पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि अलग धर्म की वजह से शादी करने से नहीं रोक सकते हैं. रिश्तो में दखल देना निजता के अधिकार में अतिक्रमण है. हाईकोर्ट ने कहा कि अपनी पसंद का जीवन साथी चुनना लोगों का मौलिक अधिकार है. हाईकोर्ट ने यहां तक कह दिया कि राज्य दो बालिग के संबंध पर आपत्ति नहीं जता सकता है.

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बता दें कि यूपी के कुशीनगर निवासी सलामत अंसारी और प्रियंका खरवार ने पिछले साल अगस्त महीने में शादी की थी. दोनों ने शादी अपने परिवार की मर्जी के खिलाफ की थी. शादी से पहले प्रियंका ने इस्लाम धर्म कबूल कर लिया था. धर्म परिवर्तन करने के बाद प्रियंका ने अपना नाम आलिया रखा. 

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शादी के बाद प्रियंका खरवार के परिवारवालों ने सलामत अंसारी के खिलाफ किडनैपिंग और शादी के लिए बहला-फुसलाकर भगा ले जाने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई थी. एफआईआर में आरोपी सलामत अंसारी के खिलाफ पोक्सो एक्ट भी शामिल किया गया था. प्रियंका के परिजनों का दावा है कि जब सलामत अंसारी और प्रियंका खरवार की शादी हुई थी, उस वक्त उनकी बेटी नाबालिग थी. सलामत अंसारी ने कोर्ट में अपने खिलाफ केस को रद्द करने की मांग करते हुए याचिका दाखिल की थी. 

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