राज बब्बर, रीता बहुगुणा के खिलाफ केस वापस लेने की अर्जी कोर्ट में खारिज

Smart News Team, Last updated: Sat, 20th Feb 2021, 9:42 PM IST
  • एमपीएमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने धरना-प्रदर्शन के दौरान तोड़-फोड़, हिंसक प्रदर्शन और प्रशासनिक अधिकारियों पर हमला करने वाले दर्ज मामले की राज्य सरकार कि अर्जी को खारिज कर दिया.
राज बब्बर, रीता बहुगुणा के खिलाफ केस वापस लेने की अर्जी कोर्ट में खारिज

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार को एक तब झटका लगा जब एमपीएमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने धरना-प्रदर्शन के दौरान तोड़-फोड़, हिंसक प्रदर्शन और प्रशासनिक अधिकारियों पर हमला करने वाले दर्ज मामले की राज्य सरकार कि अर्जी को खारिज कर दिया. एमपीएमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय इस मामले को गंभीर करार देते हुए अभियुक्तों पर आरोप तय करने के लिए छह मार्च की तारीख तय की है. 

इस मामले में रीता बहुगुणा जोशी, राज बब्बर, प्रदीप जैन आदित्य, अजय राय, निर्मल खत्री, राजेश पति त्रिपाठी व मधुसुदन मिस्त्री समेत 18 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल हैं. शनिवार को विशेष अदालत में रीता बहुगुणा जोशी उपस्थित थीं. बीते छह फरवरी को विशेष अदालत ने इस अर्जी पर अभियोजन व बचाव पक्ष की बहस के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था.

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ये है पुरा मामला

17 अगस्त, 2015 को एक धरना प्रदर्शन में हुई हिंसा के मामले में एसआई प्यारेलाल प्रजापति ने थाना हजरतगंज में एफआईआर दर्ज कराई थी. उसी दिन कांग्रेस पार्टी का लक्ष्मण मेला स्थल पर धरना-प्रदर्शन था. करीब पांच हजार से अधिक कार्यकर्ताओं के साथ अचानक यह सभी अभियुक्तगण धरना स्थल से विधान सभा का घेराव करने निकल पड़े. पुलिस प्रशासन द्वारा इन्हें समझाने व रोकने का प्रयास किया गया, लेकिन नहीं माने. संकल्प वाटिका के पास पहुंचते ही प्रदर्शनकारी पथराव करने लगे. 

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जिससे भगदड़ मच गई. इस हमले में एडीएम पूर्वी निधि श्रीवास्तव, एसपी पुर्वी राजीव मल्होत्रा, सीओ ट्रैफिक अवनीश मिश्रा, एसएचओ आलमबाग विकास पांडेय व एसओ हुसैनगंज शिवशंकर सिंह समेत पुलिस के कई अधिकारी व पीएसी के कई जवान गंभीर रूप से घायल हो गए. अशोक मार्ग से आने व जाने वाले आम जनता को भी चोटें आई. कई गाडि़यों के शीशे टूट गए. कानून व्यवस्था का मजाक बनाया गया. 25 दिसंबर, 2015 को विवेचना के बाद पुलिस ने अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की कई गंभीर धाराओं व क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट की धारा में आरोप पत्र दाखिल किया था.

 

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