अयोध्या जमीन खरीद मामले की जांच करवा रही योगी सरकार, अफसर-नेताओं पर आरोप
- अयोध्या में राम मंदिर के लिए हो रही जमीन की खरीद का मामला अदालत पहुंच गया है. योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में कुछ नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा जमीन की कथित तौर पर खरीद करने के मामले में जांच का आदेश दिया है. वहीं, आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने राम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण के लिए भूमि की खरीद और धोखाधड़ी के सहारे धन हड़पने मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में मुकदमा दर्ज करने की मांग की.

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में कुछ नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा जमीन की कथित तौर पर खरीद करने के मामले में जांच का आदेश दिया है. इस मामले पर लखनऊ में अपर मुख्य सचिव (सूचना) नवनीत सहगल ने बताया, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्व विभाग को मामले की गहनता से जांच करने को कहा है.
रामजन्मभूमि क्षेत्र के पांच किलोमीटर की परिधि में नेताओं और अफसरों द्वारा जमीन लेने का मामला सामने आया है. आरोप है कि जन्मभूमि क्षेत्र के पांच किलोमीटर के दायरे में विधायकों, उनके रिश्तेदारों और मेयर ने जमीनें खरीदी हैं. राजस्व संहिता में दी गई व्यवस्था के मुताबिक दलित ही दलित की जमीन खरीद सकता है. आरोप है कि दलित की जमीन पहले महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट को दान किया गया.
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मामले में विपक्षी महापौर सह साजिशकर्ता हैं. राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए खरीदे गए किसी भी बैनामा में प्रतिफल के हस्तांतरण की तारीख का उल्लेख नहीं किया गया है और न ही पैन कार्ड का विवरण दिया गया है साथ ही विपक्षियों पर यह भी आरोप है कि सुनियोजित साजिश और धोखा देने के इरादे से गलत तरीके से लाभ कमाने और भगवान श्री राम के भक्तों की भावनाओं को धोखा देने के लिए नकली विक्रेताओं और खरीदारों के माध्यम से बड़े पैमाने पर जनता से भारी मात्रा में प्राप्त दान से धन को हड़प लिया है.
राम जन्मभूमि क्षेत्र के पांच किलोमीटर के दायरे में एक मंडलायुक्त के ससुर ने 2530 स्क्वायर मीटर और उनके साले ने 12060 स्क्वायर मीटर जमीन खरीदी. एक डीआईजी की साली ने 1020 स्क्वायर मीटर जमीन खरीदी. अयोध्या में तैनात रहे एक मुख्य राजस्व अधिकारी ने साले व उनकी पत्नी के लिए 1130 स्क्वायर मीटर जमीन ली। भाजपा विधायक के साले ने 2593 स्क्वायर मीटर व 6320 स्क्वायर मीटर जमीन ली. एक ट्रस्ट के नाम पर 9860 स्क्वायर मीटर जमीन ली गई. भाजपा के एक अन्य विधायक और उनके भतीजे ने 5174 स्क्वायर मीटर जमीन ली। एक रिटायर्ड आईएएस ने 1680 स्क्वायर मीटर, मेयर ने 1480 स्क्वायर मीटर जमीन ली. एक सूचना आयुक्त ने पत्नी वे बेटे के नाम पर, पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य ने, लेखपाल व कानूनगो ने भी जमीनें ली हैं.
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर विशेष सचिव राजस्व राधेश्याम मिश्रा को यह जांच सौंपी गई है. उनसे पांच दिनों में जांच कर पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी गई है. अपर मुख्य सचिव राजस्व मनोज कुमार सिंह ने जांच के आदेश दिए जाने की पुष्टि की है. सूत्रों का कहना है कि जांच के बाद कई अफसरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हो सकती है.
05 दिन में विशेष सचिव जांच कर रिपोर्ट सौंपेंगे
कुल 44,557 वर्ग मीटर जमीनें ली गई
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने राम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण के लिए भूमि की खरीद फरोख्त व धोखाधड़ी के सहारे धन हड़पने, दान से प्राप्त धन के दुरुपयोग के मामले में मंगलवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में मुकदमा दर्ज करने के लिए प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया.
इसमें अयोध्या श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय, नगर निगम के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय के अलावा डा. अनिल कुमार मिश्र, हरीश कुमार पाठक, कुसुम पाठक, सुल्तान अंसारी, रवि मोहन तिवारी, दीप नारायण, सब रजिस्टर एसबी सिंह व एक अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग की गई है.
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