ओडिशा सूर्य मंदिर की तरह अयोध्या राम मंदिर गर्भगृह होगा सूरज की किरणों से जगमग

Prachi Tandon, Last updated: Mon, 18th Oct 2021, 11:30 AM IST
  • ओडिशा के सूर्य मंदिर की तरह राममंदिर के गर्भगृह को भी सूरज की किरणें प्रकाशमय करेंगी. इस अद्भुत दृश्य को श्रद्धालुओं तक पहुंचाने के लिए विचार किया जा रहा है.
रामलला के गर्भगृह को सूर्य अपनी किरणों से प्रकाशमय करेगा.

लखनऊ. अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में एक और अनोखी बात जुड़ने की संभावना है. रामलला का मंदिर अब ओडिशा के कोर्णाक मंदिर की तरह गर्भगृह को प्रकाशित करेगा. राममंदिर में अनकों खूबियों के साथ-साथ अब इस प्लान पर भी विचार किया जा रहा है. रामलाल गर्भगृह को सूर्य अपनी किरणों से प्रकाशमय करे उसके लिए कोर्णाक मंदिर जैसी विशिष्ट तकनीक को अपनाने पर विचार किया जा रहा है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने जानकारी देते हुए बताया कि तीर्थक्षेत्र ने न्यास के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने बताया कि भगवान राम के मंदिर में हर रामनवमी के दिन गर्भगृह में सूर्यकी किरणों से रामलला का स्वागत होगा.

अयोध्या राम मंदिर के गर्भगृह को सूर्य की किरणों से प्रकाशमय करने को लेकर प्रस्ताव पर काम किया जा रहा है. राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की प्रतिमास्थापिक की जाएगी और हर रामनवमी पर गर्भगृह में रामलला तक लाल सूरज की पहली किरणें पहुंचेंगी. इस प्रस्ताव पर विचार करते हुए दो तकनीकविदों से परामर्श किया जा रहा है. ओडिशा स्थित कोणार्क मंदिर के अंदर भी सूर्य की निश्चित समय पर अंदर किरणें विकसित की हैं. 

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श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने कहा कि नक्शे औऱ मॉडल भी कुछ बदलाव हो गए हैं. वहीं अभी कुछ नए बदलाव करने बाकी हैं. राम मंदिर में अब तीन मंजिलों का निर्माण कियाजाएगा. 400 फुट लंबाई के साथ 300 फुट चौड़ाई में प्लिंथ का निर्माण कियाजा रहा है. इसी के साथ प्लिंथ पर 365 फुट लंबाई और 235 फुट चौड़ाई में 171 फुट ऊंचे मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. देशभर में प्रसिद्ध सूर्य मंदिर जैसी तकनीक का इस्तेमाल आज के समय में काफी प्रतिशत कम है. कामेश्वर चौपाल ने बताया कि 2021 के आखिरी तक गर्भगृह का निर्माण पूरा होने की उम्मीद है. इसी के साथ 2022 में स्तंभों का निर्माण शुरू किया जा सकता है. 

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