बैंक लोन के डिफॉल्टर कर्जदार मौज में, गारंटर को मिल रहा वसूली नोटिस
- सरकारी बैंकों ने एक बड़ा झटका लोन दिलाने में गारंटर बने लोगों को दिया है. बैंकों ने कर्जदार लोगों के बैंक में बने गारंटरों को रिकवरी के लिए नोटिस भेजा है. बैंकों का कहना है कि कर्ज लेने वाले के बराबर ही गारंटर भी कर्जदार होता है.
लखनऊ. देश में कोरोना महामारी के कारण हर किसी की आर्थिक स्थिति खराब है. इसी बीच बैंकों ने गारंटर बने लोगों को एक बड़ा झटका दिया है. जिन कर्जदारों ने बैंकों का कर्ज नहीं चुकाया अब बैंक उनके गारंटरों से रिकवरी करेगी. बैंकों ने 850 लोगों को रिकवरी के लिए नोटिस भेजा है क्योंकि कर्ज लेने वाले लोगों को बैंकों ने डिफॉल्टर घोषित कर दिया है.
सरकारी बैंकों ने 685 व निजी बैंकों ने 165 गारंटर को रिकवरी के लिए नोटिस भेजा है. बैंकों ने ऐसे लोगों के नोटिस भेजा है जिन्होंने पर्सनल व कार पर लोन लिया था. इसके बाद इन लोगों ने किस्त भी जमा नहीं की फिर बैंक ने कर्जदार लोगों के गारंटर बने लोगों को भी कर्जदार मानते हुए नोटिस भेज दिया है. बता दें कि बैंक से पर्सनल या कार या होम लोन में दो परिचित लोगों को गारंटर बनाना पड़ता है.
लीड बैंक मैनेजर वीपी मिश्रा ने नोटिस भेजने को लेकर कहा कि गारंटर भी कर्ज लेने वाला जितना कर्जदार होता है. अगर कर्ज देने वाला कोई भी व्यक्ति कर्ज नहीं चुकाता है तो पहले बैंक उसे नोटिस भेजेगी.
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वहीं बैंक द्वारा भेजे गए उस नोटिस का कोई जवाब नहीं आता है तो फिर गारंटर को नोटिस भेजा जाएगा. बैंक कर्जदार से ही वसूली की कोशिश करेगा, लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो गारंटर को भी डिफॉल्ट के लिए जिम्मेदार माना जाएगा.
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