UP में सरकारी नौकरी के नाम पर धांधली पर लगी रोक, 4 साल में लाखों को मिली जॉब

Smart News Team, Last updated: Thu, 18th Mar 2021, 11:45 AM IST
  • यूपी में योगी सरकार के चार साल पूरे होने वाले हैं जिसमें उन्होनें भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस के वादे को निभाया है. सरकारी नौकरियों और भर्ती के नाम पर लाखों रुपए की धन उगाही के धंधे पर रोक लगी है.
भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस के वादे पर खरी उतरी योगी सरकार.

लखनऊ. योगी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के अपने वादे पर पूरी तरह से डटी रही है. सरकारी नौकरियों में जुगाड़ के रास्ते अपनाने वालों का धंधा बंद हो चुका है. ये साफ तौरा पर चार सालों में देखा गया कि सरकारी नौकरियों में धांधलेबाजी में कमी आई है. सरकारी नौकरी के लिए जो मैरिट में आए उन्हें खूब नौकरियां दी गईं.

यूपी में चार सालों में चार लाख से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरियां दी गईं. योगी आदित्यानाथ ने सरकार बनाने से पहले आयोगों में पारदर्शी व्यवस्था लागू करने का वादा किया था. विशेषकर लोक सेवा आयोग उत्तर प्रदेश और उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की छवि को सुधारने पर भी सरकार ने काम किया. लोक सेवा आयोग जो हमेशा विवादों के घेरे में रहता था उसकी छवि को सुधारा गया. आयोग की परीक्षाओं को पारदर्शी तरीके से कराते हुए योग्यता के आधार पर नौकरी दी गई. 

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उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में पहले अध्यक्ष पद पर रिटायर आईएएस सीबी पालीवाल और बाद में प्रवीण कुमार को कार्यभार सौंपा गया. अधीनस्थ सेवा चयन आयोग समूह ग के पदों पर निर्विवाद भर्तियां की गईं. 

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यूपी सरकार ने सरकारी के साथ सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती में होने वाली धांधली पर रोक लगाई. सभी सहायता प्राप्त स्कूलों में भर्ती के आयोग के हाथ में दी गई. वहीं पहले की सरकारों में मान्यता प्राप्त स्कूलों में शिक्षकों की भर्तियां स्कूल का मैनजमेंट और डीआईओएस व बीएसए मिलकर करता था. इन भर्तियों के नाम पर लाखों रुपए लिए जाते थे. अब नई व्यवस्था ने नौकरी के नाम पर लाखों रुपए की धांधली पर रोक लगाई है. 

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