100 साल से अधिक पुराने पेड़ होंगे उत्तर प्रदेश की विरासत में शामिल

Smart News Team, Last updated: Thu, 4th Feb 2021, 4:49 PM IST
  • प्रदेश के सभी 75 जिलों के प्रभागीय वनाधिकारियों ने अपने अपने क्षेत्र के तहत आने वाले 100 साल पुराने पेड़ों को ढूंढकर कर उन्हे विरासत बनाने के प्रस्ताव को उत्तर प्रदेश जैव विविधता बोर्ड को भेज दिया गया है.अब तक तकरीबन करीब 1500 से अधिक विरासत वृक्षों की सूची तैयार हो चुकी है.
100 साल से अधिक पुराने पेड़ होंगे उत्तर प्रदेश की विरासत में शामिल (प्रतीकात्मक तस्वीर)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पूरे राज्य भर में 100 साल या उससे अधिक पुराने पेड़ों को इस महीने के आखिर तक सरकार द्वारा विरासत वृक्ष घोषित किया जाएगा. प्रदेश के सभी 75 जिलों के प्रभागीय वनाधिकारियों ने अपने अपने क्षेत्र के तहत आने वाले 100 साल पुराने पेड़ों को ढूंढकर कर उन्हे विरासत बनाने के प्रस्ताव को उत्तर प्रदेश जैव विविधता बोर्ड को भेज दिया गया है. बोर्ड की तकनीकी समिति ने सभी प्रस्तावों की जांच शुरू कर दी है. अब तक तकरीबन करीब 1500 से अधिक विरासत वृक्षों की सूची तैयार हो चुकी है.

2019 में पूरे प्रदेश में एक दिन में 20 करोड़ पौधे लगाए गए थे. उस पौधरोपण कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन अधिकारियों से अपील भी की थी कि वे 100 साल या उससे पुराने पेड़ों की पहचान करें और उनको विरासत वृक्ष घोषित करें ताकि प्रदेश में ईको टूरिज्म को बढ़ावा मिल सके.

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मुख्यमंत्री द्वारा की गई अपील को गम्भीरता से लेते हुए वन विभाग ने इसपर कार्य करना शुरू कर दिया. तय किया गया कि केवल सार्वजनिक भूमि पर लगे पेड़ों को उत्तर प्रदेश जैव विविधता बोर्ड विरासत वृक्ष घोषित करेगा, जबकि वन भूमि पर लगे ऐसे पुराने पेड़ों को प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) विरासत वृक्ष घोषित करेगा.

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उत्तर प्रदेश जैव विविधता बोर्ड के सचिव पीके शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश जैव विविधता बोर्ड को अब तक प्राप्त प्रस्तावों में से कुछ में तकनीकी गड़बड़ियां हैं जिसे वापस भेजकर दुरुस्त कराया जा रहा है. जैसे ही यह तकनीकी गड़बड़ी ठीक होगी तत्काल बाद विरासत वृक्षों की सूची जारी कर दी जाएगी.

 

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