BJP के समर्थन से नितिन अग्रवाल यूपी विधानसभा उपाध्यक्ष बने, सपा के नरेंद्र वर्मा चुनाव हारे

Ankul Kaushik, Last updated: Mon, 18th Oct 2021, 4:37 PM IST
  • उत्तर प्रदेश विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में बीजेपी के समर्थन से नितिन अग्रवाल ने जीत दर्ज की है. नितिन अग्रवाल ने अखिलेश यादव की सपा के उम्मीदवार नरेंद्र वर्मा को 244 वोटों से हराया है. नितिन अग्रवाल सात बार के विधायक नरेश अग्रवाल के बेटे हैं.
यूपी विधानसभा उपाध्यक्ष के लिए नामांकन करते नितिन अग्रवाल, फोटो क्रेडिट (नितिन अग्रवाल ट्विटर)

लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा उपाध्यक्ष पद के चुनाव में बीजेपी के समर्थित नितिन अग्रवाल की जीत हुई है. नितिन अग्रवाल ने समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार नरेंद्र सिंह वर्मा को हराया है. यूपी विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में कुल 368 वोट डले जिसमें से नितिन अग्रवाल को 304 और सपा के नरेंद्र वर्मा को महज 60 वोट मिले थे. इसके साथ ही जिसमें चार वोट रद्द भी हुए और इस तरह से बीजेपी के नितिन अग्रवाल को 244 वोट से जीत हासिल हुई. नितिन अग्रवाल सात बार के विधायक नरेश अग्रवाल के बेटे हैं और उन्होंने ने भी खुद साल 2017 में सपा के टिकट पर चुनाव लड़कर जीत हासिल की है. हालांकि सपा पार्टी से कुछ अनबन होने के कारण उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी. 

बीजेपी ने अपनी तरफ से हरदोई सदर विधानसभा सीट से तीसरी बार विधायक नितिन अग्रवाल का यूपी विधानसभा उपाध्यक्ष पद के चुनाव में नामांकन कराकर सपा को उसी के नेता से हरा दिया है. बीजेपी ने नितिन अग्रवाल को इस चुनाव में खड़ा करके इस इलेक्शन को सपा बनाम सपा कर दिया था. ऐसा पहली बार है कि सत्ता समर्थित प्रत्याशी यूपी विधानसभा उपाध्यक्ष बना है. बता दें कि जब नितिन के पिता नरेश अग्रवाल को सपा ने राज्यसभा नहीं भेजा तो इससे वह काफी नाराज हुए. इसके बाद उन्होंने सपा को छोड़ने का फैसला लेते हुए साल 2018 में बीजेपी का दामन थाम लिया है. पिता के बीजेपी में जाने के बाद नितिन भी पिता के साथ कभी कभी बीजेपी के मंच पर नजर आने लगे थे.

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बता दें कि सपा से नाराज होने के बाद नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने 2019 में नितिन की सदस्यता रद्द करने की मांग विधानसभा अध्यक्ष से की थी. हालांकि स्पीकर ने उसे खारिज कर दिया था जिसके कारण नितिन आज भी सपा के विधायक हैं. इस चुनाव को लेकर सपा पहले भी लगातार कह रही थी कि उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को देने की परंपरा है जिसे बीजेपी तोड़ रही है. बीजेपी ने तकनीकी तौर पर विपक्षी दल सपा के ही विधायक नितिन अग्रवाल को समर्थन देकर एक साथ दो निशाने साध लिए और अपना उपाध्यक्ष बनवा लिया है.

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