UP Election 2022: गुजरात के बाद 'काशी मॉडल' के सहारे चुनावी मैदान में उतरेगी BJP, जानें रणनीति

Uttam Kumar, Last updated: Tue, 7th Dec 2021, 9:07 AM IST
  • साल 2022 में  यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा 2014 में इस्तेमाल किए गए गुजरात मॉडल की तरह इस बार 'काशी मॉडल' का सहारा लेगी. 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री द्वारा काशी विश्वनाथ कॉरीडोर के लोकार्पण के बाद 'काशी मॉडल'को लोगों के घर- घर तक पहुंचाने के लिए काशी में 13 दिसंबर से 14 जनवरी तक कई कार्यक्रम और रैली आयोजित किए जाएंगे.  
 फाइल फोटो.

लखनऊ. साल 2022 में राज्य में होने वाले चुनाव(UP Election 2022) के लिए भाजपा इस बार काशी मॉडल का सहारा लेने की योजना पर काम कर रही है. जिस तरह वर्ष 2014 में भाजपा ने केंद्र में वापसी के लिए गुजरात मॉडल(Gujrat model) का प्रचार- प्रसार किया था ठीक उसी प्रकार इस बार भाजपा काशी मॉडल(Kashi model) को लोगों तक पहुंचाने की तैयारी कर ली गई है. चलो काशी का उद्घोष करने वाली भाजपा अब दिव्य काशी-भव्य काशी का जलवा देश-दुनिया को दिखाने की तैयारी में है. इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री द्वारा 13 दिसंबर को काशी विश्वनाथ कॉरीडोर के लोकार्पण करने के बाद शुरू हो जाएगी. 

बीजेपी को इस मुकाम तक पहुंचाने में गुजरात मॉडल का खास योगदान रहा है, जिसका विजन डॉक्यूमेंट पार्टी ने 2014 लोकभा चुनाव से पहले पेश किया गया था. इसके साथ ही व्यापक स्तर पर उसे लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की गई थी. और पार्टी को उसका परिणाम मिला भी. अब बीजेपी और संघ ने मिलकर आगामी चुनाव लड़ने के लिए काशी मॉडल तैयार किया है. संघ और भाजपा के राजनैतिक रोडमैप पर अयोध्या के साथ-साथ काशी और मथुरा के माइल स्टोन भी अंकित हैं. 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री द्वारा काशी विश्वनाथ कॉरीडोर के लोकार्पण के साथ ही काशी में एक अघोषित कुंभ का आगाज होगा, जहां देश-दुनिया के लोग जुटेंगे.  

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इसके साथ ही काशी में 13 दिसंबर से लेकर मकर संक्रांति यानि 14 जनवरी तक कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. जिसमें भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों समेत देश के मेयर, जिला पंचायत अध्यक्ष, टूर ऑपरेटर, उद्योगपति, ब्लागर, लेखक, धर्माचार्य, दलित-अनुसूचित विचारक, कलाकार, शिल्पकार, कथाकार, कारीगर, वास्तुविद् और देश के तमाम मंदिरों से आए प्रतिनिधि शामिल होंगे. वैश्विक स्तर पर प्रचार के लिए काशी में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए विदेशी राजदूतों को भी न्योता दिया गया है. इन सब के साथ ही काशी मॉडल को घर-घर तक पहुंचाने के लिए सुशासन यात्रा भी निकली जाएगी.

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क्या है काशी मॉडल
काशी में यूं तो सड़क, बिजली, पानी जैसी आधारभूत सुविधाओं के विकास के अलावा भी बहुत काम हुए मगर प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरीडोर है, जिसका प्रधानमंत्री के कर कमलों द्वारा 13 दिसंबर को लोकार्पण किया जाएगा. काशी के कायाकल्प की नींव 2014 में तब रखी गई जब नरेंद्र मोदी ने इसे अपनी कर्मस्थली बनाकर ऐलान किया कि मुझे मां गंगा ने बुलाया है. काशी विश्वनाथ मंदिर की भव्यता का अहसास वाराणसी में प्रवेश करते ही होने लगता है, फिर चाहे वो बाबतपुर एयरपोर्ट से शहर में जाने वाला रास्ता हो या स्टेशन और उसके आसपास का इलाका. रात में भी बाबा विश्वनाथ की आकृति रंग-बिरंगी लाइटों के साथ आकाश में उभरती दिखेगी. दरअसल सरकार काशी को विश्व के धार्मिक पर्यटन के नक्शे पर स्थापित करने की योजना बना रही है. 

 

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