आशीष मिश्रा की जमानत पर राकेश टिकैत बोले, आम आदमी होता तो क्या इतनी जल्दी बेल मिलती

Swati Gautam, Last updated: Thu, 10th Feb 2022, 4:05 PM IST
  • राज्य गृह मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे और लखमीरपुर हिंसा कांड में आरोपी आशीष मिश्रा टेनी को आज इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से जमानत मिलने के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने बयान देते हुए कहा है कि वह इस बात को यूपी में बीजेपी के खिलाफ प्रचारित करेंगे. कोई आम आदमी होता तो क्या इतनी जल्दी बेल मिलती?
किसान नेता राकेश टिकैत (file photo)

लखनऊ. भारतीय जनता पार्टी के नेता व राज्य गृह मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे और लखमीरपुर हिंसा कांड में आरोपी आशीष मिश्रा टेनी को आज गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बड़ी राहत देते हुए आशीष मिश्रा को जमानत दे दी है. चुनावी माहौल के बीच आशीष मिश्रा टेनी को जमानत मिलने के बाद सियासत गरमा गई है. भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता और किसान नेता ने भी आशीष की जमानत पर बड़ा बयान देते हुए कहा है कि वह इस बात को यूपी में बीजेपी के खिलाफ प्रचारित करेंगे. साथ ही टिकैत ने कहा कि कोई आम आदमी होता तो क्या इतनी जल्दी बेल मिलती?

राकेश टिकैत ने एकीडिया संस्थान से बात करते हुए फोन पर कहा कि कोर्ट पर क्या कह सकते हैं, बेल दे दी. हमारा तो यह कहना है कि 302 के इतने गंभीर मामले में दूसरे लोगों को भी बेल मिली हो तो ठीक है, नहीं मिली हो तो देख लो. कोई आम आदमी होता तो क्या इतनी जल्दी बेल मिलती क्या. इतना ही नहीं टिकैत ने यूपी चुनाव के संबंध में बयान देते हुए कहा कि हां हमारा प्रचार यह रहेगा. क्यों नहीं रहेगा. इतनी जल्दी कौन से तथ्य सामने आ गए, इतनी जल्दी किसी और को जमानत मिलती हो इस तरह के केस में तो देखने वाले तथ्य हैं.

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राकेश टिकैत ने आशीष मिश्रा टेनी की जमानत पर सरकार को घेरे में लेते हुए कहा कि किसानों के पास इतने बड़े वकील तो हैं नहीं, ये बड़े आदमी हैं, इनके साथ सरकार और वकील खड़ी कर सकती है. इसलिए तो जमानत मिल गई होगी, कोर्ट तो तथ्य के आधार पर चलती है, उस तरह की दलील दी होगी उन्होंने. टिकैत ने आगे कहा कि किसानों की कौन पैरवी करेगी. इनके साथ तो शायद 32 वकील थे. ये तो खड़े कर सकते हैं उस तरह के लोग. अब देखेंगे कि इसमें क्या रहा. वहां जो लोग वहां गए होंगे उनसे जानकारी रहेंगे. यह केस हमेशा हमारा रहेगा. यह संयुक्त मोर्चा और देश का रहेगा, जिस तरह हत्या की गई. किसान लड़ाई लड़ रहा है.

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