केंद्र के जाति जनगणना करवाने से इनकार पर भड़कीं मायावती, कहा- BJP का चुनावी स्वार्थ...

Ankul Kaushik, Last updated: Fri, 24th Sep 2021, 1:25 PM IST
  • केंद्र द्वारा पिछड़े वर्गों की जाति जनगणना के इनकार पर बसपा सुप्रीमो मयावती ने कहा कि यह बीजेपी के चुनावी स्वार्थ का पर्दाफाश है. इसके साथ ही मयावती ने इसे अति-गंभीर व अति-चिन्तनीय बताया है.
बसपा सुप्रीमो मायावती (फाइल फोटो)

लखनऊ. केंद्र सरकार ने जातिगत जनगणना कराने से इनकार कर दिया है. इस पर बसपा सुप्रीमो मायवती ने कहा है कि बीजेपी के चुनावी स्वार्थ की ओबीसी राजनीति का पर्दाफाश हो रहा है. इसके साथ ही मायावती ने ट्वीट करके लिखा- केन्द्र सरकार द्वारा माननीय सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करके पिछड़े वर्गों की जातीय जनगणना कराने से साफ तौर पर इन्कार कर देना यह अति-गंभीर व अति-चिन्तनीय, जो भाजपा के चुनावी स्वार्थ की ओबीसी राजनीति का पर्दाफाश व इनकी कथनी व करनी में अन्तर को उजागर करता है. एससी व एसटी की तरह ही ओबीसी वर्ग की भी जातीय जनगणना कराने की माँग पूरे देश में काफी जोर पकड़ चुकी है, लेकिन केन्द्र का इससे साफ इन्कार पूरे समाज को उसी प्रकार से दुःखी व इनके भविष्य को आघात पहुँचाने वाला है जैसे नौकरियों में इनके बैकलॉग को न भरने से लगातार हो रहा है.

सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफनामे पर केंद्र सरकार ने कहा है कि जाति जनगणना प्रशासनिक रूप से कठिन और बोझिल है. इसके साथ ही केंद्र की तरफ से कहा गया है कि सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना (SECC) 2011 में जातिगत जनगणना गलतियों से भरी हुई थी. वहीं केंद्र ने कहा कि जाति से संबंधित जनगणना के रिकॉर्ड विश्वसनीय नहीं है.महाराष्ट्र सरकार की ओर से दाखिल एक याचिका के जवाब में केंद्र ने यह हलफनामा दाखिल किया है. इस हलफनामें में एसईसीसी 2011 का मूल डाटा उपलब्ध कराए जाने की मांग की गई थी.

जातीय जनगणना को लेकर CM नीतीश बोले- अभी PM मोदी की ओर से नहीं मिला कोई जवाब

बता दें कि हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में 10 दलों के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर जातिगत जनगणना की मांग की थी. हालांकि अब केंद्र के तरफ से इसका जवाब आ गया है कि जातिगत जनगणना नहीं होगी.

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