कोरोना काल में मौत भी महंगी! कब्रिस्तान में कब्र की गहराई के साथ मजदूरी भी बढ़ी
- यूपी की राजधानी में कब्रिस्तानों पर भी महंगाई की मार पड़ी है. कोरोना काल में संक्रमित शवों के लिए गहरी कब्रें खोदी जा रही हैं जिसके कारण मजदूरी में इजाफा किया गया है.
लखनऊ. कोरोना काल का असर सिर्फ जिंदगी पर ही नहीं जिंदगी के बाद भी देखने को मिल रहा है. शवगृहों के बाहर लंबी कतारें और कब्रिस्तानों पर लगी भीड़ की तस्वीरें हर किसी को डरा रही हैं. ऐसे में कब्रिस्तान में जहां दिन के एक या दो शव आते थे वहां 10 से ज्यादा शव आ रहे हैं. कब्रिस्तान में कब्र खोदने की मजदूरी भी 800 रुपए कर दी गई है. यह इस कारण हुआ है क्योंकि सामान्य तौर पर कब्र की खुदाई साढ़े पांच फीट की होती थी लेकिन अब इसे बढ़ाकर 10 फीट कर दिया गया है.
कब्र की गहराई बढ़ाने के पीछे कारण है कि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके. लखनऊ डालीगंज कब्रिस्तान में जहां सामान्य दिनों में एक शव आता था वहां कोरोना काल के कारण यह संख्या बढ़कर छह गुना हो गई है. कब्र खुदाई करने वालों की संख्या भी सीमित है जिसके कारण मजदूरी को बढ़ाना पड़ा है. लखनऊ के ऐशबाग, निशातगंज, तालिटोरा, माल एवेन्यू और आलमबाग समेत शहर के हर कब्रतिसम्तान में मजदूरी को बढ़ा दिया गया है.
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संक्रमण जिस तरह से फैल रहा है उस पर विचार करते हुए कब्रिस्तान के उप सदर जावेद खान और सचिव मो. मुफियान के निर्देश पर कब्र खोदाई की मजदूरी नई दर 800 रुपए कर दी गई है. मनमानी को रोकने के लिए भी ऐसा किया गया है. ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले समय में कब्रिस्तानों में जगह को लेकर भी मारामारी हो सकती है.
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