धरने के दौरान हमले का मामला, रीता जोशी समेत 18 से केस वापसी पर 20 फरवरी को फैसला
- लखनऊ में धरना प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ के मामले में रीता बहुगुणा जोशी, राज बब्बर, प्रदीप जैन समेत अन्य से केस वापस लेने पर 20 फरवरी को फैसला होगा.
लखनऊ: धरना प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ के मामले में रीता बहुगुणा जोशी, राज बब्बर, प्रदीप जैन समेत अन्य से केस वापस लेने पर 20 फरवरी को फैसला होगा. एमपीएमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने एक आपराधिक मामले को राज्य सरकार की ओर से वापस लेने की अर्जी पर आदेश के लिए 20 फरवरी का दिन तय किया है. इस मामले में रीता जोशी, राज बब्बर, प्रदीप जैन आदित्य, अजय राय, निर्मल खत्री, राजेश पति त्रिपाठी और मधुसुदन मिस्त्री समेत कुल 18 के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल है.
आपको बता दें कि 17 अगस्त 2015 को धरना प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ और पुलिस बल पर हमला करने के मामले में एफआईआर थाना हजरतगंज में दर्ज कराई गई थी.
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उस वक्त कांग्रेस पार्टी का लक्ष्मण मेला स्थल पर धरना-प्रदर्शन था. करीब 5000 कार्यकर्ताओं के साथ ये सभी आरोपी धरना स्थल पर मौजूद थे. इस घटना में एडीएम निधि श्रीवास्तव, सीओ-ट्रैफिक अवनीश मिश्रा, एसएचओ आलमबाग विकास पांडेय और एसओ हुसैनगंज शिवशंकर सिंह समेत पुलिस के कई अफसरों और पीएसी के जवानों को गंभीर रुप से चोटें आईं थीं.
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अशोक मार्ग से आने-जाने वाले आम लोग भी घटना में घायल हुए थे. कई गाडियों के शीशे टूटे थे. 25 दिसंबर 2015 को पुलिस ने 18 लोगों के खिलाफ आईपीसी की कई गंभीर धाराओं और क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट की धारा में भी आरोप पत्र दाखिल किए थे.
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