कोविड से शिक्षा पर पड़े असर को जानने के लिए सीबीएसई स्कूलों में करेगा सर्वे
- लॉकडाउन में जब साल भर से ज्यादा समय से स्कूल बंद पड़े हैं और ऑनलाइन क्लास ली जा रही है. तब सीबीएसई एक सर्वे के साथ माध्यम से यह जानना चाह रही है कि कोविड-19 और ऑनलाइन क्लास आदि का शिक्षा पर क्या असर पड़ा है.
लखनऊ: कोविड 19 के आने के बाद आम जिंदगी मानो अस्त-व्यस्त हो गया है. पिछले साल मार्च के तीसरे सप्ताह से देश में शुरु हुआ लॉकडाउन आज साल भर से ज्यादा का समय हो चुका है. लेकिन स्तिथियां है कि सामान्य होने का नाम नहीं ले रहीं हैं. कोविड-19 की दूसरी लहर का असर अब धीरे-धीरे कम होता दिख रहा है. लेकिन कोविड-19 दूसरी लहर के असर को खत्म करने और तीसरी लहर को रोकने के लिए देश के लगभग राज्यों में लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई है.
वहीं लॉकडाउन के कारण करीब साल भर से ज्यादा समय से बंद स्कूल और कॉलेज से बच्चों की शिक्षा पर इसका सीधा असर पड़ा है. हालांकि पिछले साल हुई लॉकडॉउन के कुछ दिनों बाद ही ऑनलाइन का रुख करते हुए लगभग स्कूलों ने ऑनलाइन क्लास चलाना शुरू किया. लोगों ने जूम, गुगल मीट, टीम ऐप आदि पर पढ़ना शुरू किया. लेकिन ऑनलाइन क्लासेस की भी अपनी सीमाएं और परेशानियां निकल कर सामने आई.
योगी सरकार का निर्देश, शराब माफियाओं पर हो सख्त कार्रवाई
इसी सब के शिक्षा पर पड़े प्रभाव को जानने के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने एक सर्वे कराने का फैसला किया है. जिसमें स्कूलों में चल रहे ऑनलाइन क्लास से लेकर पढ़ाई पर पड़े असर को सर्वे में बताना होगा. इस बाबत लखनऊ में सीबीएसई बोर्ड के माध्यम से संचालित होने वाले 185 स्कूलों के प्रबंधन के पास सर्कुलर पहुंच गया है.
वरदान इंटरनेशनल एकेडमी की प्रधानाचार्य ऋचा खन्ना ने इस सर्कुलर के बाबत बात करते हुए बोला कि अगर कोरोना महामारी लम्बे समय तक चलती है या आगे भविष्य में कोई और ऐसी दूसरी विपदा आती है तो उस परिस्थिति के लिए बोर्ड इस सर्वे में स्कूलों से अलग-अलग तरह की जानकारी ले कर तैयारी रखना चाहता है. वहीं सीबीएसई ने बताया है कि इस सर्वे में स्कूलों से मिली जानकारी को पूरी तरह से गुप्त रखा जाएगा.
अन्य खबरें
UP अनलॉक: अब सिर्फ लखनऊ, मेरठ, गोरखपुर, सहारनपुर में कोरोना कर्फ्यू
लखनऊ के नखास मार्केट के फुटपाथ पर लगी आग, दुकानें जलकर हुई खाक
यात्रियों के लिए खुशखबरी, 7 जून से चलेगी लखनऊ-आगरा इंटरसिटी ट्रेन
लखनऊ: कठौता में बचा केवल 6 दिन का पानी, इंदिरानगर-गोमतीनगर में गहराया जल संकट