पेंशन को कर मुक्त करे केंद्र सरकार, बजट में संशोधन के लिए परिषद ने भेजे कई सुझाव

Sumit Rajak, Last updated: Thu, 3rd Feb 2022, 6:58 AM IST
  • राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने देश के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को उनके अधिकारिक ई मेल आईडी पर एक पत्र लिखकर बजट में जनहित से संबंधी संशोधन करने का सुझाव भेजा है.
फाइल फोटो

लखनऊ. राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने देश के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को उनके अधिकारिक ई मेल आईडी पर एक पत्र लिखकर बजट में जनहित से संबंधी संशोधन करने का सुझाव भेजा है. उन्होंने वित्त मंत्री को भेजे गए पत्र में आम आदमी को राहत देने एवं छोटे निवेश को बढ़ावा देने के लिए 80 सी के अंतर्गत बचत सीमा डेढ़ लाख से बढ़ाकर तीन लाख करने ,सुकन्या योजना के अंतर्गत कन्याओं के भविष्य को और अधिक सुरक्षित करने के लिए योजना में बचत सीमा पांच लाख सालाना करने, कर्मचारियों को मिलने वाली पूरी पेंशन को कर मुक्त किए जाने, स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाए जाने सहित कई संशोधन करने के सुझाव दिए हैं.

जेएन तिवारी ने बताया कि कोरोना काल में सीनियर सिटीजन की समस्याएं बढ़ गई हैं. उनकी बचत पर ब्याज भी बढ़ाने की जरूरत है. सीनियर सिटीजन को कम से कम उनकी बचत पर दस फीसदी ब्याज देने का सुझाव भी दिया है. पूरे देश में स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ समझे जाने वाली केंद्र सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त समाज कार्य कर्त्री आशाओं को आर्थिक एवं सामाजिक रूप से आत्म निर्भर बनाने के लिए उनको केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर न्यूनतम वेतन 18000 मानदेय के रूप में देने का सुझाव भी बजट में करने का अनुरोध किया गया है.

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ये हैं मुख्य सुझाव

.80 सी के अंतर्गत बचत सीमा बढ़ाने का दिया सुझाव

.वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज दर बढ़ाई जाए

.पेंशन पूरी तरह से कर मुक्त की जाए

.आशाओं को न्यूनतम वेतन के बराबर मानदेय दिया जाए

.सुकन्या योजना में बचत सीमा बढ़ाने का सुझाव भी दिया

पुरानी पेंशन बहाली पर एकजुट होंगे 

बजट से निराश शिक्षक और कर्मचारी ने पुरानी पेंशन बहाली पर एकजुट होकर मतदान करने का निर्णय लिया है. बुधवार को पीडब्ल्यूडी विभाग के नियमित वर्कचार्ज कर्मचारी संघ भवनों में विभिन्न संगठनों ने की सामूहिक बैठक की. सभी ने जोर देकर कहा कि बजट बहुत निराशाजनक है. बजट में शिक्षकों और कर्मचारियों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया. अटेवा की प्रमुख मांग पुरानी पेंशन बहाली व निजीकरण की समाप्ति के विषय में निर्णय नहीं लिए जाने में आक्रोश है. अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बंधु समेत काफी लोग मौजूद थे.

 

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