कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक, डिटेल में पढ़ें कैसे करें बचाव
- भारत में जल्द ही कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है. जो बच्चो को भी प्रभावित कर सकती है. जिसे देखते हुए ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस से बच्चों को बचाने को लेकर सुझाव जारी किया है. जिसकी मदद से परिजन अपने बच्चों की कोरोना संरकमण के लक्षण, बचाव और उपचार के बारे में जान सकते है.

लखनऊ. पूरे देश में कोरोना की दूसरी लहर में हाहाकार मच गया है. वही इसमी अधिकतर स्वास्थ्य सुविधाएं भी फेल हो गई है. ऐसे में अब कोरोना वायरस की तीसरी लहर आने के अनुमान भी लगाए गए है. साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों पर भी हमला कर सकती है. जिसे देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO ने बच्चों को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखने के उपाय बताएं है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा बताएं गएं सुझाव में कहा गया है कि 6 से 11 साल तक के बच्चों को मास्क जरूर पहनाएं. साथ ही उन्हें बार बार हाथ धोने की आदत भी डलवाएं. वही अगर बच्चा 2 से 3 साल से छोटा है तो उसे मास्क नहीं लगाएं. वही WHO द्वारा बताए गए निर्देश के अनुसार नवजात बच्चे को जीतने कम लोग हाथ लगाएं उतना ही अच्छा रहेगा. साथ ही माँ को नवजात को छूने से पहले हाथ जरूर धोएं और स्तनपान के दौरान मास्क जरूर पहनें.
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ऐसे पहचाने संक्रमण को
बच्चे को अगर एक से दो दिन का बुखार हुआ हो. वही अगर बच्चे के पैर में लाल चक्कते हो जाएं. साथ ही बच्चे के चेहरे का रंग नीला दिखने लगें. बच्चे के हाथ पैर में सूजन के साथ उल्टी दस्त की समस्या भी देखने को मिलें. साथ ही अगर उसे निमोनिया, ऑक्सीजन स्तर 90% से कम हो जाएं. थकावट और ज्यादा नींद आने लगें. साथ ही उसे गले में खराश, सांस लेने में दिक्कत और पाचन सम्बन्धी समस्या होने लगें.
ऐसे करे बचाव
शुरू में बच्चे को आइसोलेशन में रखकर उपचार किया जा सकता है. वही स्थिति गम्भीर होने पर फेफड़े गुर्दे में संक्रमण की जांच, सीने के एक्सरे कराना होगा. साथ ही उसे कोविड अस्पताल में भर्ती कराकर डॉक्टर की देखरेख में उपचार करवाएं. वही कोरोना में कारगर दवा रेमडेसीवीर का उपयोग डॉक्टर की निगरानी में किया जाएं.
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बच्चो को ऐसे बनाए मजबूत
वही बच्चों के फेफड़ो को मजबूत करने के लिए उन्हें गुब्बारे फुलाने के लिए दें. साथ ही उन्हें पीने के लिए गुनगुना पानी दिया जा सकता है. वही अगर बच्चे थोड़े बड़े है तो उन्हें सांस वाली एक्सरसाइज करवाएं. वही उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए खट्टे फल खिलाएं. साथ ही उन्हें हल्दी वाला दूध भी पिलाएं. इतना ही नहीं उन्हें इस संक्रमण के बारे में और इससे बचने के बारे में भी समझाएं.
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