निरक्षर माता-पिता के बच्चों को मिलेगी स्कॉलरशिप में प्राथमिकता

Smart News Team, Last updated: Mon, 4th Jan 2021, 9:38 AM IST
  • स्कॉलरशिप की गाइडलाइंस के मुताबिक केंद्र सरकार ने स्कॉलरशिप में अपना अंशदान 60 प्रतिशत कर दिया है। जबकि राज्य सरकार को 40 प्रतिशत हिस्सा वहन करना होगा। साथ ही स्कॉलरशिप देने में यूपी बोर्ड के छात्रों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके बाद केंद्रीय बोर्ड आएगा।
फाइल फोटो

लखनऊ : जिन स्टूडेंट्स के माता-पिता निरक्षर है, उन स्टूडेंट्स को प्राथमिकता पर स्कॉलरशिप दी जाए। ताकि किसी भी स्टूडेंट्स को रुपयों की वजह से अपनी पढ़ाई न छोड़नी पड़े। यह निर्देश केंद्र सरकार ने समाज कल्याण विभाग को हाल ही में भेजी गई गाइडलाइंस में दिए है। साथ ही कहा है कि यूपी बोर्ड के विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप में प्राथमिकता दी जाए। इसके बाद केंद्रीय बोर्ड के विद्यार्थियों को इसके दायरे में लाया जाए। स्कॉलरशिप के दायरे में उन विद्यार्थियों को प्राथमिकता देने के निर्देश जारी हुए हैं, जिनके माता-पिता में कोई एक या दोनों निरक्षर हों।

केंद्र सरकार ने स्कॉलरशिप योजना में अपना हिस्सा भी बढ़ा दिया है। नई व्यवस्था के मुताबिक अब स्कॉलरशिप योजना में केंद्र की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत होगी जबकि 40 फीसदी हिस्सा राज्य सरकार को वहन करना होगा। समाज कल्याण विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक अब तक 7-8 प्रतिशत रकम ही केंद्र सरकार से आती थी। अब ज्यादा पैसा आने के बाद पैसे के अभाव में विद्यार्थी स्कॉलरशिप पाने से वंचित नहीं रहेंगे।

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आधार से अटेंडेंस अनिवार्य होगी

केंद्र सरकार द्वारा भेजी गई गाइडलाइंस में निर्देश दिए गए हैं कि इस साल से केवल उन्हीं खातों में स्कॉलरशिप जाएगी, जो आधार से लिंक होंगे। अगर कोई विद्यार्थी ऐसा खाता देता है, जो आधार से लिंक नहीं होगा तो उसके खाते में स्कॉलरशिप की रकम नहीं जाएगी। इसके अलावा आधार आधारित अटेंडेंस को भी अनिवार्य करने के लिए कहा गया है। विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक दोनों ही निर्देशों के बारे में जिलों को जल्द ही यहां से आदेश जारी कर दिए जाएंगे।

2025-26 से नैक ग्रेडिंग अनिवार्य

फर्जी संस्थाओं को किसी भी सूरत में स्कॉलरशिप का लाभ न मिले इसलिए केंद्र ने नैक या एनबीए ग्रेडिंग वाले संस्थानों के विद्यार्थियों को ही स्कॉलरशिप देने की बात कही है। विद्यालयों को ग्रेडिंग के लिए 4 साल का समय दिया जा रहा है।

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