यूपी में कोरोना कंट्रोल को सीएम योगी ने बनाई टीम-11, जारी किए ये निर्देश

Smart News Team, Last updated: Thu, 22nd Apr 2021, 5:53 PM IST
  • सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों और लोगों के लिए दिशानिर्देश जारी किए. उन्होंने कहा की कोविड-19 के खिलाफ जारी इस लड़ाई में उत्तर प्रदेश लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहा है. कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है.
यूपी में कोरोना कंट्रोल को सीएम योगी ने बनाई टीम-11, जारी किए ये निर्देश (फाइल फ़ोटो)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना से बिगड़ते हालात के बिच सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों और लोगों के लिए दिशानिर्देश जारी किए. उन्होंने कहा की कोविड-19 के खिलाफ जारी इस लड़ाई में उत्तर प्रदेश लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहा है. कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है. बीते 24 घंटों में प्रदेश में 16,500 से अधिक लोगों ने कोरोना को हराकर स्वास्थ है. यह अत्यंत सुखद है. प्रदेशवासी धैर्य और संयम बनाये रखें. प्रदेश में उच्चस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं हों अथवा जीवनरक्षक दवाओं की उपलब्धता, किसी भी चीज का अभाव नहीं है.

प्रदेश के कुछ जिलों से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की आवश्यकता जताई गई है. स्वास्थ्य विभाग आज ही संबंधित जिलों को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराए. इसकी उपलब्धता बढ़ाने के लिए भारत सरकार से भी सहयोग लिया जा सकता है. प्रदेश सरकार प्रत्येक नागरिक को उचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए संकल्पित है. धैर्य और संयम बनाये रखते हुए सभी लोग कोविड विहेवियर को सख्ती से अमल में लाएं.

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एक भी नागरिक की मृत्यु दुःखद है, यह प्रदेश की क्षति है. कोविड संक्रमित मरीजों के परिजनों के साथ यथोचित सम्मान के साथ संवेदनशील व्यवहार किया जाए. अंतिम संस्कार की क्रिया कोविड प्रोटोकॉल का अनुरूप पूरे सम्मान के साथ संपन्न कराया जाए. भारत सरकार के सहयोग से प्रदेश को अतिशीघ्र रेमेडेसीवीर के सवा लाख वॉयल प्राप्त हो जाएंगे. इससे प्रदेश में रेमेडेसीवीर की आपूर्ति और व्यवस्थित हो जाएगी. इसके अतिरिक्त, दवा निर्माता कंपनियों द्वारा भी लगातार आपूर्ति की जा रही है.

रेमेडेसीवीर को लेकर प्रदेश में स्थिति सामान्य है. औषधि प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग सभी जीवनरक्षक दवाओं के मांग और आपूर्ति के बीच संतुलन बनाए रखना सुनिश्चित करे. इन आवश्यक दवाओं की कालाबाजारी और स्टॉक करने वालों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाए.

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आपदा के इस समय में समन्वय के साथ कार्य करने की जरूरत है. ड्रग इंस्पेक्टर, संबंधित जिलाधिकारियों के निर्देशों के अनुरूप कार्य करें. खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा स्थापित कंट्रोल रूम 24×7 क्रियाशील रहे. ऑक्सीजन आदि की उपलब्धता, मांग और आपूर्ति की हर गतिविधि पर लगातार मॉनिटरिंग की जाए. खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग और गृह विभाग इन सभी कार्यों को परस्पर समन्वय के साथ कार्य करें.

सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जाए. ऑक्सीजन रीफिल केंद्रों पर जिम्मेदार अधिकारियों की तैनाती की जाए. ऑक्सीजन टैंकरों को जीपीएस से जोड़ा जाए तथा प्लांट पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाए. हर ऑक्सीजन टैंकर के साथ सुरक्षा के जरूरी इंतज़ाम किए जाएं. बढ़ती मांग के अनुरूप राज्य सरकार द्वारा ऑक्सीजन आपूर्ति बढ़ाने के लिए सभी जरूरी प्रयास किए जा रहे हैं. वर्तमान में स्थिति पूरी तरह नियंत्रित है. सभी छोटे-बड़े अस्पतालों की स्थिति पर 24×7 नजर रखी जाए. लिक्विड ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए टैंकरों/सिलिंडरों का भी कोई अभाव नहीं है. फिर भी, बदलती परिस्थितियों को देखते हुए अतिरिक्त टैंकरों और सिलिंडरों की व्यवस्था तत्काल सुनिश्चित कराई जाए.

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किसी भी दशा में ऑक्सीजन की कालाबाजारी न होने पाए. ऑक्सीजन की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ गैंगस्टर व एनएसए के तहत कार्रवाई की जाए. खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग तथा गृह विभाग समन्वय स्थापित करते हुए कार्य करें. प्रदेश के निजी एवं सरकारी मेडिकल कॉलेजों/अस्पतालों ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना की कार्यवाही तेजी से की जाए. भारत सरकार के सहयोग से स्थापित हो रहे ऑक्सीजन प्लांट के कार्यों को शीघ्रता से पूर्ण करने के लिए राज्य सरकार द्वारा हर जरूरी सहयोग दिया जाए. स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग इन कार्यों की सतत मॉनिटरिंग करे. इस कार्य में निजी क्षेत्र का भी स्वागत है.

कोविड मरीजों को बेड आवंटन में पूरी पारदर्शिता रखी जाए. इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर की भूमिका इसमें अति महत्वपूर्ण है. प्रत्येक जनपद में बेड, ऑक्सीजन, दवाओं, मेडिकल उपकरणों तथा चिकित्साकर्मियों की पर्याप्त उपलब्धता हमेशा बनी रहे. एम्बुलेंस सेवाओं का सुचारु संचालन सुनिश्चित हो.

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लखनऊ के केजीएमयू डेडिकेटेड हाॅस्पिटल में नोडल अधिकारी कैंप करें. एरा, इंटीग्रल, टीएस मिश्रा, हिन्द, मेयो, प्रसाद व सक्सेना निजी मेडिकल काॅलेजों को राज्य सरकार ने कोविड उपचार के लिए टेकओवर किया है. यहां बेड की संख्या में लगातार इजाफा करने की जरूरत है.

कोविड की लड़ाई में टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट की महत्वपूर्ण भूमिका है. इसलिए आवश्यक है कि सभी सरकारी एवं निजी लैब पूरी क्षमता से कोविड टेस्ट करें. टेस्टिंग में क्वालिटी कंट्रोल का ध्यान अवश्य रखा जाए.

स्वच्छता, सैनिटाइजेशन तथा फाॅगिंग का कार्य पूरी सक्रियता से किया जाए. कंटेनमेंट जोन के प्राविधानों को सख्ती से लागू किया जाए. मास्क के अनिवार्य उपयोग के संबंध में प्रवर्तन की प्रभावी कार्यवाही की जाए. निगरानी समितियों से संवाद बनाकर उनसे फीडबैक लगातार प्राप्त किया जाए.

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अस्पतालों एवं ऑक्सीजन उत्पादन व रीफिलिंग से जुड़ी इकाइयों में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित हो. औद्योगिक इकाइयों में कोविड प्रोटोकाॅल का पालन कराते हुए गतिविधियां संचालित की जाएं. सभी जनपदों में क्वारन्टीन सेंटर प्रभावी ढंग से क्रियाशील रहें. कोविड प्रबंधन में इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की महत्वपूर्ण भूमिका है. इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के माध्यम से बेड आवंटन की जानकारी, समय पर एम्बुलेंस की उपलब्धता आदि व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराई जाएं. ‘108’ एम्बुलेंस सेवा की 50 प्रतिशत एम्बुलेंस का उपयोग कोविड मरीजों के लिए किया जाए.

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 एम्बुलेंस के रिस्पाॅन्स टाइम को कम किया जाए. विभिन्न राज्यों से प्रदेश आ रहे प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए परिवहन तथा गृह विभाग आपसी समन्वय स्थापित करते हुए कार्य करें. यह सुनिश्चित किया जाए कि लक्षणविहीन प्रवासी श्रमिकों को न्यूनतम 07 दिन के लिए क्वारन्टीन किया जाए. अस्वस्थ होने की दशा में अच्छी चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जाए.

 

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