लखनऊ: चीन पर योगी की मार, खिलौना नीति लाकर बनाएंगे भारत को आत्मनिर्भर

Smart News Team, Last updated: Tue, 8th Sep 2020, 2:07 PM IST
  • योगी सरकार चीन के प्रोडक्ट्स का इंपोर्ट कम करने के लिए यूपी में खिलौना नीति 2020 लाएगी. जिसमें 2025 तक प्रदेश में 20 हजार करोड़ का निवेश लाने और तीन लाख लोगों को रोजगार देने का मकसद रखा गया है
चाइना के खिलौनें ना खरीदने पड़ें इसलिए यूपी को सीएम योगी खिलौना हब बनाएंगे.

लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार ने चीन से खिलौने के इंपोर्ट पर अपनी निर्भरता को कम करने के लिए खिलौना नीति-2020 तैयार की है. यूपी इस नीति से अपने आपको खिलौना बनाने के हब के रूप में स्थापित करना चाहता है. इसके लिए औद्योगिक संगठनों और संबंधित विभाग से सुझाव भी मांगे गए हैं. राज्य सरकार ने लक्ष्य रखा है कि साल 2025 तक खिलौने उद्योग में 20 हजार करोड़ का निवेश और तीन लाख लोगों रोजगार देना है. अगर खिलौना नीति लागू होती है तो यूपी देश का ऐसा पहला राज्य होगा.

सरकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई)

विभाग इकाईयों के खिलौनों की डिजाइनिंग, ब्रांडिंग, मार्केटिंग के साथ ही निर्यात में सहयोग करेगा. विश्व स्तर पर लगने वाले मेलों में यूपी के खिलौनों को सामने लाकर उसकी खासियत बताई जाएगी. नई नीति को विश्व स्तर के मानकों के अनुसार तैयार किया गया है.

ट्वाय कलस्टर और पार्क की स्थापना के लिए सरकार इको सिस्टम, डिजाइन, टेस्टिंग की सुविधा भी उद्यमियों को देगी. रोजगार के अवसर के लिए आजकल स्किल बहुत जरूरी है इसलिए स्किल डेवलेपमेंट पर नई नीति के तहत काम करा जाएगा.

एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) की आने वाली योजनाओं में ट्वाय कलस्टर को भी शामिल किया गया है. रोजगार देने के लिए एमएसएमई पहले से ही कई योजनाओं पर काम कर रहा है जिसमें कुछ प्रमुख इस प्रकार है जैसे कि इलेक्ट्रानिंग मैन्युफैक्चरिंग कलस्टर ,इंडस्ट्रियल जोन, आप्टिकल फाइवर कनेक्टिविटी और ट्वाय मैन्युफैक्चरिंग कलस्टर आदि. 

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खिलौना उद्योग की नीति को इस उम्मीद से देखा जा रही है कि अकुशल, अर्द्धकुशल और कुशल श्रमिकों और खासकर महिलाओं को इससे काम मिलेगा.

विश्व भर के खिलौना बाजार में भारत की हिस्सेदार सिर्फ आधी फीसदी है. ग्लोबल मार्केट रिसर्च फर्म (इमार्क) के आंकड़ें के मुताबिक भारत 90 फीसदी खिलौनों का आयात चीन से करता है. अभी की बात करें तो देश में करीब दस हजार करोड़ रुपये का खिलौने का बाजार है. उत्तर प्रदेश के झांसी में ही परंपरागत खिलौने बनते पर अभी इलेक्ट्रानिक और बैटरी से चलने वाले खिलौने का निर्माण नहीं के बराबर है जिस वजह से नीति में इन पर ज़्यादा ध्यान दिया जाएगा. 

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सरकार ने खिलौने कलस्टर, पार्क और अपने स्तर पर व्यक्ति जो व्यवसाय कर रहा है उनके प्रोत्साहन के लिए भी पांच करोड़ रुपये देने की योजना रखी है पर पैसे उन्हीं को दिए जाएंगे जिसकी इकाईयां 31 मार्च 2025 से पहले से काम कर रही होगी. 

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