CM योगी ने लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष समारोह का किया शुभारंभ

Smart News Team, Last updated: Thu, 19th Nov 2020, 2:36 PM IST
  • सीएम योगी ने दीप प्रज्वलन कर लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष समारोह का शुभारंभ किया. इस दौरान डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा, राज्य मंत्री नीलिमा कटियार और अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी भी मौजूद रहे.
लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष समारोह का हुआ शुभारंभ

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को दीप प्रज्वलन कर लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष समारोह का उद्घाटन किया. कार्यक्रम के दौरान डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा, राज्य मंत्री नीलिमा कटियार और अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी भी मौजूद रहे. उनके अलावा बड़ी संख्या में छात्र और स्थानीय लोग भी शामिल हुए.

इस दौरान सीएम योगी ने लखनऊ विश्वविद्यालय को बधाई दी. उन्होंने कहा कि मैं, लखनऊ विश्वविद्यालय को 100 वर्षों की शानदार यात्रा के लिए हृदय से बधाई देता हूं. लखनऊ विवि वर्तमान चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए आज विभिन्न कार्यक्रमों का शुभारंभ कर रहा है, इस साहसिक कदम के लिए विवि परिवार का हृदय से अभिनंदन करता हूं.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि अपने 100 वर्षों की यात्रा को याद करते हुए लखनऊ विवि बड़े गौरव के साथ कह सकता है कि हमने इस देश को राष्ट्रपति से लेकर न्याय की उत्कृष्टता को बनाए रखने के लिए न्यायमूर्ति, प्रशासनिक अधिकारी और भारत के लोकतंत्र की मजबूती के लिए अनेक नेता भी दिए हैं. 

बीजेपी ने की अवध क्षेत्र के पाधिकारियों की घोषणा, लिस्ट जारी

उन्होंने कहा, लखनऊ विवि ने शोध की उत्कृष्टता के लिए हमें आचार्य व वैज्ञानिक दिए हैं. व्यापार व निवेश के क्षेत्र में कार्य करने वाले अनेक उद्योगपति भी दिए हैं. इस श्रृंखला को संजोने का अवसर भी यह शताब्दी वर्ष प्रदान कर रहा है. एक ओर वैश्विक महामारी कोविड-19 की चुनौती है और दूसरी ओर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के रूप में देशवासियों के सामने एक नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति है. 2022 तक नई शिक्षा नीति देश भर में लागू हो जाएगी.

सीएम योगी के निर्देश, कोरोना की दूसरी लहर को लेकर रहें सतर्क

सीएम योगी ने कहा कि नई शिक्षा नीति से ज्ञान और रोजगार में समन्वय से युवा स्वावलंबन की तरफ बढ़ेगा. मैं अक्सर कहता हूं कि हमने शिक्षण संस्थान खोल दिये लेकिन जन सरोकार से उनको दूर कर दिया जाता. उन्होंने कहा कि सिर्फ शिक्षक और छात्र इसका हिस्सा नहीं, अभिभावकों, पुरातन छात्रों की बड़ी भूमिका है. इनसे बेहतर संवाद कर किसी कार्यक्रम को आगे बढ़ाएंगे तो ज्ञान के साथ शोध की उत्कृष्टता को बेहतर करेगा.

आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं।हिन्दुस्तान का ePaper पढ़ें |

अन्य खबरें