अखिलेश यादव पर हमलावर प्रियंका गांधी, कहा- ट्विटर तक सीमित सपा की राजनीति

Shubham Bajpai, Last updated: Sat, 9th Oct 2021, 1:44 PM IST
  • कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि अखिलेश यादव एक कमरे तक सीमित हो गए हैं और ट्वीट करते है. मैंने डेढ़ साल से अखिलेश यादव रो सड़क पर उतरते नहीं देखा है. उनके इस बयान के बाद से सपा और कांग्रेस आमने-सामने आ गई है.
अखिलेश यादव पर हमलावर प्रियंका गांधी, कहा ट्विटर तक सीमित उनकी राजनीति (फोटो सभार एएनआई)

लखनऊ. यूपी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले समाजवादी पार्टी और कांग्रेस नेताओं में जुबानी जंग तेज हो रही है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री पर ट्विटर तक सीमित रहने का आरोप लगाया. प्रियंका गांधी ने कहा कि अखिलेश यादव की राजनीति सिर्फ ट्विटर तक सीमित है. बता दें कि प्रियंका का यह बयान अखिलेश के उस बयान का पलटवार है जिसमें अखिलेश यादव ने कहा था कि प्रियंका एक कमरे में बंद थी, उनको हमारा संघर्ष नहीं दिखता है. वहीं, लखीमपुर खीरी की घटना के बाद से सपा और कांग्रेस लगातार एक-दूसरे पर हमले कर रही है.

अखिलेश को सड़क पर उतरते नहीं देखा

प्रियंका गांधी ने कहा कि अखिलेश यादव एक कमरे तक सीमित हो गए हैं और ट्वीट करते हैं न तो उनकी पार्टी हाथरस में दिखी, न उन्नाव और न ही सोनभद्र में. मैंने खुद अखिलेश यादव को पिछले डेढ़ साल से सड़क पर उतरते हुए नहीं देखा है.

प्रियंका गांधी दलित बस्ती में झाड़ू लगाकर बोलीं- CM योगी की टिप्पणी दलित विरोधी

मुझे नहीं कोई परवाह, करती रहूंगी अपना काम

प्रियंका गांधी ने लगातार द्वारा सियासत करने के आरोप पर जवाब दिया. प्रियंका ने कहा कि मुझे इसकी कोई परवाह नहीं है. भाजपा एक प्रोपगंडा फैला रही है कि मामलो को उठाना राजनीति है. कई दल इस वजह से सवाल नहीं उठाते हैं, लेकिन मैं अपना काम करती रहूंगी.

Lucknow: चौक की 85 साल पुरानी रामलीला पर कोरोना का ग्रहण, सरकार से आर्थिक मदद की दरकार

वो कमरे में बंद थी, उन्हें कुछ भी नहीं पता

इससे पहले प्रियंका गांधी ने लखीमपुर खीरी में हिरासत में लिए जाने के बाद कहा था कि सपा और बसपा सड़क पर उतरकर संघर्ष करती नहीं दिखती हैं. जिस पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि वो तो कमरे में बंद थी. उनको नहीं पता कि सड़क पर किसने विरोध प्रदर्शन किया. हमने सड़क पर सबसे ज्यादा संघर्ष किया और हमें पुलिस की लाठियां सबसे ज्यादा पड़ी हैं.

 

आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं।हिन्दुस्तान का ePaper पढ़ें |

अन्य खबरें