यूपी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले कांग्रेस की राह में मुश्किलें बढ़ीं

Smart News Team, Last updated: Fri, 11th Jun 2021, 8:30 AM IST
  • यूपी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले कांग्रेस पार्टी के लिए मुश्किलें बढ़ती जा रही है. पार्टी में नए चेहरे उभर नहीं रहे हैं और पुराने साथ छोड़ रहे हैं. वहीं, पिछले विधानसभा चुनाव 2017 से देखें तो अब तक कई चेहरों ने कांग्रेस का साथ छोड़ा दिया है.
कांग्रेस पार्टी का झंडा (फाइल फोटो)

लखनऊ. यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए कांग्रेस की राह में मुश्किलें बढ़ती जा रही है. कांग्रेस पार्टी में नए चेहरे उभर नहीं रहे हैं और पुराने साथ छोड़ रहे हैं. इससे मिशन 2022 पर संकट दुगना होता जा रहा है. संगठन मजबूत करने के साथ ही पार्टी से जाने वाले को रोकने की दोहरी चुनौती सामने है. विधानसभा चुनाव 2022 की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी को अपने बड़े चेहरों को बचाने के लिए पुरजोर कोशिश करनी होगी.

पिछले विधानसभा चुनाव 2017 से देखें तो अब तक कई चेहरों ने कांग्रेस का साथ छोड़ा दिया है. इनमें नया नाम जितिन प्रसाद का भी जुड़ गया है, लेकिन ये आखिरी नाम नहीं है. पार्टी के अंदर की हलचल से पता चलता है कि विधानसभा चुनाव 2022 से पहले कई चेहरे पार्टी छोड़ सकते हैं.

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जितिन प्रसाद जी-23 का हिस्सा रहे थे और जब उन्होंने पार्टी नेतृत्व को चिठ्ठी लिखा था तब से ही साइडलाइन किए गए थे. राजब्बर और आरपीएन सिंह भी जी-23 का हिस्सा रहे थे. इन नेताओं को पिछले साल बनी कांग्रेस पार्टी की विभिन्न कमेटियों में कोई जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई थी. इससे स्पष्ट होता है कि पार्टी नेतृत्व ने इन नेताओं को हाशिए पर डाल दिया है. ये भी पार्टी का साथ छोड़ने में हिचकिचाएंगे नहीं.

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रायबरेली से कांग्रेस की बागी विधायक अदिति सिंह की विधानसभा सदस्यता खत्म करने के लिए कांग्रेस पार्टी हाईकोर्ट में केस लड़ रही है. वो कहती हैं कि हां, मैं अब भी कांग्रेस की विधायक हूं लेकिन पिछले तीन-चार साल में बहुत लोग कांग्रेस को छोड़कर चले गए हैं. जितिन प्रसाद कांग्रेस का बड़ा चेहरा थे वह साफ छवि के नेता हैं. उनका जाना कांग्रेस के लिए बड़ा नुकसान है. पार्टी में लोगों की सुनवाई नहीं हो रही है. शीर्ष नेतृत्व के जो सलाहकार है, वो पार्टी के लोगों की बात उन तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं. पार्टी में मंथन करने की जरूरत है.

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