कोरोना काल में प्राइवेट अस्पताल की लूट में गई महिला की जान, इलाज बन गया धंधा

Smart News Team, Last updated: Sun, 13th Sep 2020, 5:05 PM IST
  • लखनऊ में गोमतीनगर के मेयो अस्पताल में एक महिला की मौत हो गई. उसके पति का कहना कि यह अस्पताल की लापरवाही की वजह से हुआ है. डाॅक्टरों के रवैए ने उसे वेंटिलेटर पर पहुंचा दिया. मुझसे यह कहा गया कि अपनी पत्नी से मिलना पहले 80 हजार रुपये जमा करो तब मिलना.
प्रतीकात्मक तस्वीर

लखनऊ: राजधानी के प्राइवेट अस्पताल में इलाज के अभाव में एक महिला की मौत होने का मामला सामने आया है. महिला के पति का आरोप है कि इलाज के लिए अस्पताल ने 80 हजार रुपए की मांग की थी और धनराशि जमा नही करने पर महिला को भर्ती नही किया गया. जिसके कारण उसकी मौत हो गई. 

जानकारी के मुताबिक चारबाग के चौरसिया अपार्टमेंट में रहने वाले अंकित जैन ने बीते 1 सितंबर को  पत्नी ज्योति जैन को किडनी के स्टोन की समस्या के लिए मेयो अस्पताल लेकर गया था. इंश्योरेंस होने की वजह से कैशलेस इलाज शुरू हुआ डाॅक्टर ने कहा 2 सितंबर को कोरोना का टेस्ट होगा. अस्पताल ने तबीयत खराब होने की बात कहकर 2 सितंबर को आईसीयू में एडमीट कर दिया. अगले दिन 3 सितंबर को कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई पर चार को ज्यादा गंभीर स्थिति बताकर वेंटिलेटर पर ले जाया गया और उस दौरान बताया गया कि मुंह में नली डालते समय उन्हें दो बार कार्डिएक अरेस्ट आ गया इसलिए अब बचाना मुश्किल है.

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पीडि़त पति अंकित जैन ने बताया कि डॉक्टर ने उनसे कहा कि पांच को उनकी पत्नी की दोबारा टेस्टिंग होने पर कोविड-19 रिपोर्ट पाॅजिटिव आई है और उसे हम कोविड वार्ड में शिफ्ट करेंगे.‌ उसके बाद आपको बुला लेंगे पर जब मैं आईसीयू गया तो मेरी पत्नी ज्योति नहीं मिली. मुझसे कहा गया जाओ काउंटर पर 80 हजार रुपये जमा करो तब मिलने देंगे. मैंने कहा मेरा इंश्योरेंस है तो कहा गया कि कोविड-19 में इंश्योरेंस से इलाज नहीं होता. मेरे से डाॅक्टर ने 80 एमजी का इंजेक्शन मंगाया जो कि 40 हजार रुपये का था. रात 10.30 बजे अस्पताल के गार्ड ने इंजेक्शन डाॅक्टर के पास पहुंचा दिया जिसमें कि पांच डोज थी. सात सितंबर की सुबह मुझसे कहा गया कि आपकी पत्नी की छह की रात को मौत हो चुकी है.

Keyword- , , लखनऊ का प्राइवेट मेयो अस्पताल, 80 हजार

URL- Mayo hospital in Lucknow, Negligence of Private hospital, 80 Thousands

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