कोरोना में भी नहीं रुका UP सरकार का राजस्व, पिछले अप्रैल के मुकाबले ज्यादा आमदनी
- बीते अप्रैल में उत्तर प्रदेश सरकार के खजाने में विभिन्न करों के रूप में 11196.49 करोड़ रुपये पहुंचा. यह धनराशि पिछले वर्ष यानी अप्रैल 2020 से 9898.44 करोड़ रुपये अधिक है.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना के भयानक रूप के बाद भी प्रदेश की आर्थिक गतिविधियां पिछले साल से बेहतर है. बीते अप्रैल में राज्य सरकार के खजाने में विभिन्न करों के रूप में 11196.49 करोड़ रुपये पहुंचा. यह धनराशि पिछले वर्ष यानी अप्रैल 2020 से 9898.44 करोड़ रुपये अधिक है. विभिन्न करों के रूप में सरकार को होने वाली आय में 1,298.05 का अतरिक्त इनकम हुआ है. इसबार पिछले वर्ष कोरोना की पहली लहर के कारण लगे लाकडाउन तथा अन्य प्रतिबंधों के बाद ऐसा हुआ है.
इसकी जनकारी उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बुधवार को प्रेसवार्ता कर अप्रैल 2021 के राजस्व आंकड़ों की जानकारी दी. कोरोना की पहली लहर के बाद जुलाई 2021 से राज्य की आर्थिक गतिविधियों में सुधार होने का जो क्रम शुरू हुआ वह पिछले महीने अप्रैल में भी बना रहा. उन्होंने उम्मीद जताई कि आगामी महीनों में भी आर्थिक गतिविधियों में सुधार का यह क्रम जारी रहेगा.
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जीएसटी, वैट, आबकारी और अन्य मदों के राजस्व में वृद्धि
जीएसटी के तहत (अप्रैल 2021) इस महीने 5157.11 करोड़ रुपये राजस्व की प्राप्ति हुई. पिछले वर्ष अप्रैल में इस मद में कुल 670.71 करोड़ रुपये आए थे. जो की पिछले बार से 4,486.4 अधिक है जोकि बहुत बड़ी राशि है. वैट के तहत इस अप्रैल में 826.53 करोड़ रुपये राजस्व मिले जबकि पिछले वर्ष अप्रैल में महज 402.22 करोड़ मिले थे. जोकि पिछले साल के राजस्व के दोगुना है. तुलनात्मक रूप से आबकारी से मिलने वाले राजस्व में भी भारी वृद्धि है. इस बार इस मद में 324.77 करोड़ रुपये मिले हैं जबकि पिछले वर्ष अप्रैल में कुल 53.46 करोड़ रुपये मिले थे. जोकि पिछले बार का छह गुना है.
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कोरोना के इस भयावह में भी लोगों ने संपतियों को खरीदने के लिए बड़ी दिलचस्पी दिखाई और भरी मात्रा में लोगों ने संपतियों का खरीद फरोख्त किया. राज्य सरकार द्वारा अप्रैल 2021 के लिए तय लक्ष्य का 65 फीसदी ही हासिल किया जा सका. इस मद में 1218.38 करोड़ रुपये राजस्व आया है. पिछले वर्ष अप्रैल में इस मद में महज 17.41 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति हुई थी. जोकि ये पिछले बार का छहगुना से भी ज्यादा है. परिवहन राजस्व के मद में 553.95 करोड़ रुपये मिले हैं जबकि पिछले वर्ष कुल 100.09 करोड़ रुपये मिले थे. जोकि पिछली बार से पांच गुना ज्यादा है. खनन राजस्व के रूप में इस बार 199.74 करोड़ रुपये खजाने में आए हैं जबकि पिछले वर्ष अप्रैल में इस मद में महज 54.16 करोड़ रुयपे ही मिले थे.
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