कोरोना काल में चिता जलानी भी महंगी, इतना पहुंचा दाह संस्कार की लकड़ियों का दाम

Smart News Team, Last updated: Wed, 19th May 2021, 5:48 PM IST
  • अंतिम संस्कार के लिए जिस लकड़ी की कीमत मार्च माह में 600-650 रुपए प्रति कुंतल बिक रही थी. वही लकड़ी अभी 850 रुपए प्रति क्विंटल हो गई. जबकि ये स्तिथि तब की है जब करीब बीस दिन पहले की तुलना में इसमें 50 रुपए से लेकर 100 रुपए की कमी आई है. एक तरफ कोरोना महामारी का कहर, जहां लोग अपने प्रियजनों के मौत से टूट रहें हैं और महामारी से ठप पड़ी अर्थव्यवस्था से लोग आर्थिक रूप से भी मुश्किलों का सामना कर रहें.
अंतिम संस्कार का दृश्य (प्रतीकात्मक फ़ोटो)

लखनऊ: लागतार कोरोना महामारी से हो रही मौत और अलग- अलग शमशानो में दाह संस्कार के लिए लगी लम्बी लाइनों की आ रही खबरों के बीच गंगा में बह रही लाशों से प्रशासन हलकान में है. वहीं दाह संस्कार में जरूरत आने वाली लकड़ियों के दाम में भी लगातार हो रही बेतहासा बढ़ोत्तरी में प्रशासन कोई अंकुश लगाने में सफल होता नही दिख रहा.देखा जाए तो एक दाह संस्कार में करीब 3-4 चार कुंतल लकड़ी लगती है.

अंतिम संस्कार के लिए जिस लकड़ी की कीमत मार्च माह में 600-650 रुपए प्रति कुंतल बिक रही थी. वही लकड़ी अभी 850 रुपए प्रति क्विंटल हो गई. जबकि ये स्तिथि तब की है जब करीब बीस दिन पहले की तुलना में इसमें 50 रुपए से लेकर 100 रुपए की कमी आई है. एक तरफ कोरोना महामारी का कहर, जहां लोग अपने प्रियजनों के मौत से टूट रहें हैं और महामारी से ठप पड़ी अर्थव्यवस्था से लोग आर्थिक रूप से भी मुश्किलों का सामना कर रहें. वहीं दूसरी तरफ अंत्योष्ठी और दूसरे क्रियाकर्मो में लगने वाली चीजों की कीमतों में वृद्धि से लोग मुश्किलों में हैं.

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अप्रैल माह में प्रतिदिन कोरोना संक्रमण से हो रही मौत को मिलाकर राजघाट के अंत्येष्ठि स्थल पर करीब 100 से ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार हो रहा था. एक दाह संस्कार में करीब 3 से 4 कुंतल लकड़ी लगती है. अब लकड़ी के कीमत में हो रही बढ़ोत्तरी से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. राप्ती तट पर दाह संस्कार के लिए लकड़ी बेचने वाले राजेश बताते हैं कि गांवों में लकड़ी खत्म होते जा रहे. जिससे लकड़ियां मिलना मुश्किल हो रहा. ऐसे स्तिथि में लकड़ी महंगी होती जा रही है.

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इतना ही नहीं गोला के मुक्ति धाम और बड़हलगंज के सरयू तट पर बने मुक्तिपथ में भी लकड़ियां 800-850 रुपए प्रति कुंतल मिल रहीं हैं. यही नही, दाह संस्कार में लगने वाले करायल की कीमत में भी दो गुणी वृद्धि हो गई हैं. जो करायल 100 रुपए में मिलती थी वह अब 200 रुपए की हो गई है. स्थानीय लोग बता रहें हैं कि लकड़ी के दाम में पिछले 45 दिनों में 200 रुपए प्रति कुंतल की वृद्धि हो गई है.

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लेकिन इसी बीच नगर निगम ने यह फैसला लिया कि जिनकी मौत कोरोना से होगी उसका दाह संस्कार नगर निगम करेगी. जिसके बाद सैकड़ों दाह संस्कार नगर निगम के अंत्येष्ठि स्थल पर हो चुका है. कोरोना से मौत के बाद परिजनों को केवल नगर निगम में रजिस्ट्रेशन कराना होता है. जिसके बाद सारा काम नगर निगम के कर्मचारी करते हैं. प्रवर्तन दल के प्रभारी कर्नल सीपी सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण से हुई मौत के लाश को लेकर जो भी आ रहें हैं उन्हे पूरी सुविधा मुहया कराई जा रही है. साथ ही वो लकड़ी बेचने वालों से भी अनुरोध कर चुके हैं कि वो 750 रुपए प्रति कुंतल से ज्यादा दाम पर लकड़ी ना बेचें.

 

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