अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत गिरी, भारत में पेट्रोल-डीजल दरें आसमान छू रही
- देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें लगातार आसमान छू रही हैं. राजधनी दिल्ली में 25 पैसे और 30 पैसे की बढ़ोतरी के बाद पेट्रोल 101.89 और डीजल 90.17 रूपये रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. ये कीमतें तब बढ़ रही है जब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में नरमी आई है.
लखनऊ. देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें लगातार आसमान छू रही हैं. राजधनी दिल्ली में 25 पैसे और 30 पैसे की बढ़ोतरी के बाद पेट्रोल 101.89 और डीजल 90.17 रूपये रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. ये कीमतें तब बढ़ रही है जब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में नरमी आई है. बढ़ती हुई डिमांड के बाद पिछले तीन सालों में मंगलवार को क्रूड आयल की कीमतों में पहली बार उछाल देखा गया जो कि 80 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया है. लेकिन शुक्रवार को कच्चे तेल की कीमत 77.55 डॉलर बैरल पर आकर गिरी.
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में जब कच्चे तेल की कीमत 73 डॉलर बैरल थी इस दौरान जुलाई महीने में पेट्रोल 101.84 और डीजल 89.87 पर पहुंच गया था. अगस्त महीने में तक कच्चे तेल की कीमत में वृद्धि न होने पर पेट्रोल 65 पैसे और डीजल 1.25 रूपये सस्ता किया गया था. पंप की कीमतों में हालिया बढ़ोतरी पिछले रविवार से शुरू हुई थी. 6 सितंबर से 18 दिनों तक ईंधन दरों को स्थिर रखने के बाद, तेल कंपनियों ने सबसे पहले 24 सितंबर से डीजल की कीमतें में बढ़ोतरी करना शुरू किया. हालांकि पेट्रोल की कीमतों में 28 सितंबर से बढ़ोतरी शुर हुई. भारत अपनी जरुरत का 80 फीसदी तेल आयात करता है. डॉलर के मुकाबले रूपये में गिरावट के कारण आयत महंगा हो जाता है जिससे भारत को डॉलर में भुगतान करना पड़ता है.
UP जलशक्ति मंत्री ने आप सांसद संजय सिंह के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया
अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी और ओपेक के अनुसार, वैश्विक मांग के आपूर्ति से आगे निकलने की उम्मीद है, जिसके कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतें निकट अवधि में स्थिर रहने की संभावना है. एक सरकारी तेल कंपनी में काम करने वाले कार्यकारी ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा कि प्राकृतिक गैस में एक साथ रैली से कच्चे तेल सहित वैकल्पिक ईंधन की मांग बढ़ने की संभावना है.
लखनऊ. देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें लगातार आसमान छू रही हैं. राजधनी दिल्ली में 25 पैसे और 30 पैसे की बढ़ोतरी के बाद पेट्रोल 101.89 और डीजल 90.17 रूपये रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. ये कीमतें तब बढ़ रही है जब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में नरमी आई है. बढ़ती हुई डिमांड के बाद पिछले तीन सालों में मंगलवार को क्रूड आयल की कीमतों में पहली उछल देखा गया जो कि 80 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया है. लेकिन शुक्रवार को कच्चे तेल की कीमत 77.55 डॉलर बैरल पर आकर गिरी.
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में जब कच्चे तेल की कीमत 73 डॉलर बैरल थी इस दौरान जुलाई महीने में पेट्रोल 101.84 और डीजल 89.87 पर पहुंच गया था. अगस्त महीने में तक कच्चे तेल की कीमत में वृद्धि न होने पर पेट्रोल 65 पैसे और डीजल 1.25 रूपये सस्ता किया गया था. पंप की कीमतों में हालिया बढ़ोतरी पिछले रविवार से शुरू हुई थी. 6 सितंबर से 18 दिनों तक ईंधन दरों को स्थिर रखने के बाद, तेल कंपनियों ने सबसे पहले 24 सितंबर से डीजल की कीमतें में बढ़ोतरी करना शुरू किया. हालांकि पेट्रोल की कीमतों में 28 सितंबर से बढ़ोतरी शुर हुई. भारत अपनी जरुरत का 80 फीसदी तेल आयात करता है. डॉलर के मुकाबले रूपये में गिरावट के कारण आयत महंगा हो जाता है जिससे भारत को डॉलर में भुगतान करना पड़ता है.
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अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी और ओपेक के अनुसार, वैश्विक मांग के आपूर्ति से आगे निकलने की उम्मीद है, जिसके कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतें निकट अवधि में स्थिर रहने की संभावना है. एक सरकारी तेल कंपनी में काम करने वाले कार्यकारी ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा कि प्राकृतिक गैस में एक साथ रैली से कच्चे तेल सहित वैकल्पिक ईंधन की मांग बढ़ने की संभावना है.
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