लखनऊ: खराब माहौल से आहत केजीएमयू के डॉ राहुल जनक सिन्हा ने दिया इस्तीफा

Smart News Team, Last updated: Wed, 14th Oct 2020, 1:34 AM IST
लखनऊ के किंग्स जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी से डॉ. राहुल जनक सिन्हा ने काम का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया. अभी तक केजीएमयू प्रशासन ने इस्तीफा मजूर नहीं किया है.
लखनऊ: खराब माहौल से आहत केजीएमयू के डॉ राहुल जनक सिन्हा ने दिया इस्तीफा

लखनऊ. किंग्स जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में यूरोलॉजी विभाग के वरिष्ठ डॉ. राहुल जनक सिन्हा ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने संस्थान की बदहाल व्यवस्थाओं से आहत होकर संस्थान को अलविदा कह दिया है. हालांकि केजीएमयू प्रशासन ने अभी तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है. आपको बता दें कि डॉ. राहुल ने 2010 में बतौर फैक्ल्टी केजीएमयू में ज्वाइन किया था.

डॉ. राहुल जनक सिन्हा ने इंग्लैंड से गुर्दा प्रत्यारोपण में प्रशिक्षण हासिल किया है. मौजूदा समय में यूरोलॉजी विभाग में छह डॉक्टर हैं. रोजाना केजीएमयू के ओपीडी में 150 से अधिक मरीज आते हैं. रोजाना 15 से 20 मरीजों का छोटे-बड़े ऑपरेशन होते रहते हैं. डॉ. राहुल के संस्थान छोड़ने के बाद विभाग में पांच डॉक्टर रह गए हैं.

केजीएमयू में काम का माहौल नहीं

इस्तीफा देने वाले डॉ. राहुल जनक सिन्हा ने काम के माहौल को जिम्मेदार बताया है. डॉ राहुल का आरोप है कि ओपीडी व ओटी के दिन काफी कम हैं. हर बार गुर्दा प्रत्यारोपण शुरू करने का दावा किया जाता रहा है लेकिन तैयारियां पूरी होने के बावजूद भी गुर्दा प्रत्यारोपण शुरू नहीं किया गया. जहाँ पर मेरी ट्रेनिंग बेमतलब साबित हो रही थी. सुपर स्पेशियालिटी की पढ़ाई पूरी करने के बाद भी मरीजों को उसका फायदा नहीं दे पा रहा था.

कई डॉक्टर छोड़ चुके है नौकरी

पिछले करीब चार साल में 12 से ज्यादा डॉक्टर संस्थान को अलविदा कह चुके हैं. इसमें इंड्रोक्राइन विभाग के डॉ. मधुकर मित्तल हैं. इनके जाने से विभाग में ताला लग गया है. नेफ्रोलॉजी विभाग के डॉ. संत पांडेय ने नौकरी छोड़ दी. सीटीवीएस विभाग के डॉ. विजयंत कुमार, अंग प्रत्यारोपण विभाग के डॉ. मनमीत सिंह, न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉ. सुनील कुमार, हॉस्पिटल एडिमिनस्ट्रेशन विभाग के डॉ. यूबी मिश्र, समेत अन्य डॉक्टर केजीएमयू की नौकरी छोड़कर जा चुके हैं.

एनाटॉमी विभाग के डॉ. नवनीत कुमार व प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डॉ. विजय कुमार को राजकीय कॉलेज का प्रिंसिपल बनने के बाद केजीएमयू को छोड़ना पड़ा. हिमेटोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. एके त्रिपाठी को लोहिया संस्थान का निदेशक बनाया गया था. जिस वजह से हिमेटोलॉजी में भी पद खाली हो गया. प्लास्टिक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. एके सिंह को अटल बिहारी वाजपेई मेडिकल विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया जा चुका है.

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