नाक-कान दर्द भी सीरियस है, घुसकर अंडे दे रहे मच्छर-मक्खी, हड्डी और पर्दे खा रहे लार्वा

Mithilesh Kumar Patel, Last updated: Thu, 2nd Dec 2021, 12:03 PM IST
  • गलती से नाक या कान में मक्खी, मच्छर चले गए तो इसे हल्के में न लें क्योंकि यें खुद तो मर जाते हैं लेकिन अपने पीछे उन जगहों पर खतरनाख लार्वा छोड़ जाते हैं. कई बार ये लारवा कान के पर्दें तक खा जाते हैं तो कई बार उनकी हड्डियों में छेद कर देते हैं. ऐसे में ये आपको बड़ी मुसीबत में डाल सकते हैं.
हल्के में न लें कान व नाक में गलती से गए मक्खी, मच्छर को खड़ी हो सकती है मुसीबत

गलती से नाक या कान में मक्खी, मच्छर चले गए तो इसे हल्के में न लें क्योंकि यें खुद तो मर जाते हैं लेकिन अपने पीछे उन जगहों पर खतरनाख लार्वा छोड़ जाते हैं. ये लारवा कई बार कान के पर्दें तक खा जाते हैं तो कई बार उनकी हड्डियों में छेद कर देते हैं. ऐसे में ये आपको बड़ी मुसीबत में डाल सकते हैं.

दरअसल उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में 2 इससे जुड़े मामलें सामने आए हैं. ये दोनों मामलें बीते 3 दिनों के अंदर मिलें हैं. फिरोजाबाद ट्रामा सेंटर में इलाज के लिए आए कई मरीजों में से 2 मरीज ऐसे पाए गए जिनके नाक और कान में कीड़ो के रेंगने की वजह से तकलीफ थी. पहला मामला 65 वर्षीय महिला की नाक में मक्खी के लार्वा की वजह से पैदा हुआ और दूसरा मामला युवा के कान में मच्छर जाने से मुसीबत बढ़ी. मिली जानकारी के मुताबिक 200 से अधिक लार्वा यानी उन कीड़ों को निकालने में कई घंटे लग गए जिनकी वजह से मरीजो के नाक व कान में शिकायत थी. इस पर ENT डॉक्टर (आंख, कान व गला रोग विशेषज्ञ) ने बताया कि अगर समय रहते इन कीड़ों को नहीं निकाला जाता है तो लार्वा से सैकड़ों कीड़े पैदा होते जिसके बाद यह नाक, कान की खाल, हड्डी तक में अपना घर बना लेते हैं. आगे उन्होंने बताया कि डायबिटीज और कैंसर रोगी की इम्यूनिटी पावर कम होने के चलते उन्हें ज्यादा परेशानी आती है. 

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फिरोजाबाद के मटसेना थाना अंतर्गत पीथनी गांव की 65 वर्षीय प्रेमा देवी पत्नी राधेश्याम की नाक में मक्खी चली गई थी. जिसकी वजह से उन्हें कुछ घंटो तक नाक में खुजली होती रही. बाद में लगा कि वह निकल गई होगी. लेकिन कुछ दिनों बाद वृद्ध महिला के नाक में तेज दर्द होने लगा. दरअसल ये दर्द मक्खी के लार्वा के काटने की वजह से शुरू हुआ. नाक के खाल में लार्वा द्वारा घर बनाने के चलते वहां छेद हो रहा था और ऐसे में महिला दर्द से चिल्ला उठती थी. परिजनों ने डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने दर्द की गोलियां दी जिससे उन्हें कुछ घंटे आराम मिल जाता था. बीते 3 दिन पहले परिजनों द्वारा जब महिला को फिरोजाबाद ट्रामा सेंटर के ENT डॉक्टर को दिखाया गया तो डॉक्टर ने उपचार के शुरूआती चरण में जांच करवाई जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि महिला की नाक में कीड़े रेंग रहे हैं जिसकी वजह से उसे तकलीफ हो रही है. दूसरा मामला फिरोजाबाद के ही राकेश नाम के शख्स से जुड़ा है. राकेश अपने कान में दर्द के चलते परेशान रहते थे. 3 दिन पहले वे जब ट्रामा सेंटर के ENT डॉक्टर के पास पहुंचे तो जांच में पता चला कि उनके कान का पर्दा फट गया है और कान के अंदर कीड़े रेंग रहे हैं. इतना ही नही ये कीड़े कान की हड्डी तक को खा गए हैं. डॉक्टर ने बड़ी मसक्कत से उनके कान से 188 कीड़ो को बाहर निकाला.

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मक्खी, मच्छर का लार्वा पनपने से शरीर में दिखाई देने वाला प्राथमिक लक्षण

मरीज के नाक से खून आना, नाक और आंख में दर्द होना, कान में दर्द के साथ कम सुनाई देना, गले में किसी कीड़े के काटने जैसा महसूस होना, बार-बार उल्टी के साथ-साथ लगातार दर्द का होना.

इन सावधानीयों को बरतने से मिल सकती है राहत

सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल, गंदगी वाले क्षेत्रों में मुंह ढकें, नाक या कान में दिक्कत महसूस होने पर ENT के विशेषज्ञ डॉक्टरों से मिलें, गलती से मच्छर या मक्खी के कान या नाक में चलें जाने पर हल्के में न लें इसके साथ हीं यदि कान में कीड़े रेंगने की शिकायात हो तो खुद से न निकालें.

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